श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में गुरुवार देर रात हुआ भीषण धमाका अब और गंभीर हो गया है। मृतकों की संख्या बढ़कर 10 हो चुकी है, जबकि घायल 27–30 के बीच बताए जा रहे हैं। बड़ी बात यह है कि यह ब्लास्ट किसी आतंकी हमले में नहीं हुआ, बल्कि फरीदाबाद से बरामद 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री के सैंपल टेस्ट के दौरान यह हादसा हो गया।
यह घटना ठीक उसी समय हुई जब दिल्ली के लाल क़िला विस्फोट की जांच पूरे देश में चल रही है और आतंकी मॉड्यूल की परतें लगातार खुल रही हैं।
कहाँ और कैसे हुआ धमाका — पूरी घटना
स्थान: नौगाम पुलिस स्टेशन, श्रीनगर
समय: रात 11:20 बजे (14 नवंबर)
फरीदाबाद मॉड्यूल से पकड़े गए एमोनियम नाइट्रेट और अन्य केमिकल्स के सैंपल उठाने का काम चल रहा था।
FSL टीम, पुलिस अधिकारी और एक नायब तहसीलदार मौके पर थे।
सैंपलिंग के दौरान अचानक तेज़ रासायनिक प्रतिक्रिया हुई और तेज़ धार वाला विस्फोट हो गया।
धमाका इतना शक्तिशाली था कि—
-
पुलिस स्टेशन की दीवारें हिल गईं
-
कई वाहन जलकर खाक हो गए
-
आसपास के घरों के शीशे टूट गए
-
आवाज़ 20–30 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी
-
कुछ शरीर के हिस्से 100–300 मीटर दूर तक मिले

मौतें अब 10, कई गंभीर — अस्पतालों में हड़कंप
ताज़ा अस्पताल रिपोर्ट्स के मुताबिक:
-
मृतक: 10
इनमें पुलिस कर्मचारी, FSL विशेषज्ञ और दो सिविल अधिकारी शामिल हैं। -
घायल: 27–30
इनमें से 5 की हालत गंभीर, कई मरीजों को बर्न ICU में रखा गया है।
LNJP, SMHS और SKIMS अस्पतालों में रातभर इलाज चलता रहा।
फरीदाबाद वाले ‘व्हाइट-कॉलर मॉड्यूल’ से जुड़ा था विस्फोटक — 2,900 किलो सामान जब्त हुआ था
यह ब्लास्ट सीधे उस मॉड्यूल से जुड़ा है जिसे दो दिन पहले हरियाणा के फरीदाबाद में पकड़ लिया गया था:
क्या-क्या मिला था?
-
360 किलो अमोनियम नाइट्रेट
-
2,900 किलो IED बनाने का सामान
-
डेटोनेटर
-
टाइमर
-
रिमोट
-
वायरिंग
-
असॉल्ट राइफल (AK-टाइप)
-
83 जिंदा राउंड
-
20 टाइमर
-
वॉकी-टॉकी
कौन-कौन गिरफ्तार?
-
डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई (अल-फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद)
-
डॉ. आदिल अहमद राथर (पुलवामा)
दोनों highly educated “white-collar” मॉड्यूल के सदस्य बताए जा रहे हैं, जिनके पाकिस्तान-आधारित हैंडलरों से संपर्क की जांच हो रही है।
कनेक्शन कैसे जुड़ता है?
इन सभी जब्त विस्फोटकों को श्रीनगर में जांच प्रक्रिया के तहत भेजा गया था।
नौगाम पुलिस स्टेशन उसी जांच का केंद्र बना हुआ था।
यहीं सैंपल टेस्टिंग के दौरान हादसा हुआ।
क्या यह आतंकी हमला था? — नहीं, यह तकनीकी दुर्घटना थी
NIA, NSG और J&K पुलिस की शुरुआती जांच के अनुसार—
-
कोई बाहरी हमला नहीं हुआ
-
कोई आतंकी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली
-
धमाका रासायनिक प्रतिक्रिया / असुरक्षित सैंपल हैंडलिंग से हुआ
लेकिन चूँकि विस्फोटक एक बड़े इंटर-स्टेट टेरर नेटवर्क से जुड़े थे, मामला बेहद संवेदनशील हो गया है।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया
-
NIA ने केस अपने हाथ में ले लिया
-
पूरी बिल्डिंग सील कर दी गई
-
सेना और CRPF की तैनाती बढ़ाई गई
-
केंद्र सरकार ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की
-
कश्मीर में हाई अलर्ट
फॉरेंसिक टीम सुबह तक सैंपल इकट्ठा करती रही।
प्रभाव: दिल्ली और कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाई गई
यह हादसा ऐसे समय हुआ है जब
-
दिल्ली में लाल क़िले के कार ब्लास्ट में 10–12 लोगों की मौत हो चुकी है
-
NCR में विस्फोटकों की बड़ी बरामदगी हो रही है
-
आतंकी नेटवर्कों की गतिविधियाँ बढ़ी हुई हैं
इसलिए रात से ही सुरक्षा व्यवस्था पूरे उत्तर भारत में सख्त कर दी गई है।




