बिहार में लगातार बढ़ती ठंड और शीतलहर का प्रकोप अब खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सुबह और शाम के समय चल रही बर्फीली हवाओं और घने कोहरे ने आम लोगों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया है। इसी भीषण सर्दी को देखते हुए राज्य के कई जिलों में प्रशासन ने बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। खासतौर पर छोटे बच्चों के लिए यह मौसम बीमारी का कारण न बन जाए, इसे ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से छुट्टियों की घोषणा कर दी है।
समस्तीपुर और सीतामढ़ी समेत कई जिलों में कक्षा 8 तक के स्कूलों को एहतियातन बंद रखने का सख्त आदेश, 27 दिसंबर तक लागू रहेंगे नियम
बच्चों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए समस्तीपुर के जिलाधिकारी ने जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को कक्षा 8 तक बंद रखने का निर्देश जारी किया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि ठंड बच्चों के लिए बड़ा खतरा बन सकती है, इसलिए प्री-स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों सहित सभी स्कूल 27 दिसंबर तक बंद रहेंगे। वहीं, समस्तीपुर के अलावा सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, अररिया, बांका और गोपालगंज में भी 24 दिसंबर तक स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। छपरा में स्कूल 23 दिसंबर तक बंद रहेंगे, जबकि वहां आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन अब बदले हुए समय यानी दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक किया जाएगा।
बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए चलती रहेंगी विशेष कक्षाएं, प्रशासन ने साफ किया कि मौसम सुधरने के बाद ही नियमित स्कूल खोले जाएंगे
हालांकि, छुट्टियों के इस आदेश में उन छात्रों को छूट दी गई है जो प्री-बोर्ड या बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। प्रशासन के अनुसार, बोर्ड परीक्षाओं हेतु संचालित विशेष कक्षाओं और परीक्षाओं का संचालन पूर्ववत जारी रहेगा ताकि सीनियर छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो। प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया है कि फिलहाल यह आदेश अस्थायी है और मौसम के मिजाज को देखते हुए ही स्कूलों को दोबारा खोलने पर निर्णय लिया जाएगा। यदि ठंड का प्रकोप जारी रहता है, तो छुट्टियों की अवधि बढ़ाई भी जा सकती है।
उत्तर से दक्षिण बिहार तक लुढ़का पारा, घने कोहरे के कारण सड़कों पर दृश्यता कम होने से आम जनजीवन बुरी तरह हुआ प्रभावित
मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, बिहार के अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे चला गया है। उत्तर बिहार से लेकर दक्षिण बिहार तक शीतलहर का असर साफ देखा जा रहा है। सुबह के वक्त घना कोहरा छाए रहने के कारण विजिबिलिटी (दृश्यता) बेहद कम हो गई है, जिससे सड़कों पर वाहनों का चलना जोखिम भरा हो गया है। मौसम वैज्ञानिकों ने आने वाले कुछ दिनों तक इसी तरह की कड़ाके की ठंड और शीतलहर बने रहने की संभावना जताई है, जिसके चलते लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
अभिभावकों ने प्रशासन के फैसले का किया स्वागत, पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए कुछ जगहों पर ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प भी मौजूद
स्कूल बंद होने के प्रशासनिक फैसले से अभिभावकों ने बड़ी राहत की सांस ली है। अभिभावकों का कहना है कि इतनी सुबह घने कोहरे और ठंड में बच्चों को स्कूल भेजना उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ करने जैसा था। वहीं, छात्रों की पढ़ाई का नुकसान न हो, इसके लिए कुछ जिलों में स्कूलों ने कोरोना काल की तर्ज पर ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प अपनाया है। हालांकि, छोटे बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है, लेकिन जानलेवा ठंड से बचाव के लिए इसे एक बेहतर विकल्प माना जा रहा है। प्रशासन ने भी अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर रखें और ठंड से बचाने के पूरे इंतजाम करें।




