दिल्ली-एनसीआर में कनेक्टिविटी को एक नया आयाम देने के लिए अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-2) का विस्तार अब केवल पश्चिमी दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा। दिल्ली के अलीपुर से शुरू होने वाले इस कॉरिडोर को अब नोएडा और गाजियाबाद तक बढ़ाने की बड़ी योजना तैयार की गई है। इस विस्तार से न केवल दिल्ली के लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि हरियाणा और राजस्थान से आने वाले वाहनों के लिए नोएडा पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा। यह नया कॉरिडोर दिल्ली की ‘तीसरी रिंग रोड’ के रूप में पूर्वी दिशा को जोड़कर पूरे एनसीआर के लिए एक तेज, सीधी और वैकल्पिक कनेक्टिविटी का मार्ग प्रशस्त करेगा।
दिल्ली की तीसरी रिंग रोड के रूप में 75.7 किमी लंबा 6-लेन वाला एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे
UER-2 परियोजना का वर्तमान ढांचा बेहद मजबूत है। यह अभी लगभग 75.7 किलोमीटर लंबा एक 6-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे है। इसकी शुरुआत अलीपुर (NH-44) से होती है और यह रोहिणी, मुंडका, नजफगढ़, द्वारका जैसे प्रमुख इलाकों से गुजरते हुए महिपालपुर में NH-48 पर आईजीआई एयरपोर्ट के पास समाप्त होता है। यह मार्ग दिल्ली के तीन प्रमुख राजमार्गों—NH-44, NH-9 और NH-48 को सीधे आपस में जोड़ता है, जिससे शहर के भीतरी इलाकों में ट्रैफिक का दबाव कम होता है।
अलीपुर से यमुना पार ट्रॉनिका सिटी और नोएडा तक विस्तार की विस्तृत रूपरेखा
सरकार की योजना के अनुसार, अब अलीपुर से यमुना पार करते हुए ट्रॉनिका सिटी (गाजियाबाद की तरफ) तक 17 किलोमीटर लंबी एक नई सड़क का निर्माण किया जा रहा है। यह लिंक रोड दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे और UER-2 को आपस में जोड़ देगी। इसके अतिरिक्त, यमुना के पूर्वी किनारे से नोएडा-ग्रेटर नोएडा बंध एक्सप्रेसवे तक नई लिंक सड़कों का जाल बिछाने की योजना है। इससे जैतपुर और बदरपुर क्षेत्र से सीधे नोएडा के विश्वकर्मा रोड और एक्सप्रेसवे तक निर्बाध कनेक्शन मिल सकेगा।
चरणबद्ध निर्माण: पहले चरण में गाजियाबाद रिंगरोड और दूसरे में नोएडा-FNG कॉरिडोर से जुड़ाव
इस महत्वाकांक्षी परियोजना का निर्माण अलग-अलग चरणों में किया जाएगा। पहले चरण के तहत लगभग 17 किलोमीटर लंबे हिस्से को अलीपुर से उत्तरी-पूर्वी दिल्ली और ट्रॉनिका सिटी तक विकसित किया जाएगा, जिससे हरियाणा की ओर से आने वाला ट्रैफिक सीधे गाजियाबाद रिंगरोड तक पहुंच सकेगा। वहीं, दूसरे चरण में करीब 45 किलोमीटर नई और अपग्रेडेड सड़कों को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद (FNG) कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। इसके पूरा होते ही पश्चिमी दिल्ली और गुरुग्राम का सीधा संपर्क नोएडा से स्थापित हो जाएगा।
हरियाणा-राजस्थान से आने वाले वाहनों को दिल्ली के जाम में फंसे बिना मिलेगा सीधा रास्ता
UER-2 के विस्तार का सबसे बड़ा लाभ अंतरराज्यीय यात्रियों को मिलेगा। यह रोड पहले से ही सिंघु बॉर्डर से आईजीआई एयरपोर्ट के बीच का सफर लगभग दो घंटे से घटाकर करीब 40 मिनट कर चुका है। विस्तार के बाद यही तेज गति नोएडा और गाजियाबाद की ओर भी उपलब्ध होगी। हरियाणा और राजस्थान की ओर से दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-रोहतक या दिल्ली-सोनीपत हाईवे से आने वाले वाहनों को अब दिल्ली के भीतरी ट्रैफिक में फंसे बिना सीधे नोएडा-गाजियाबाद कॉरिडोर पकड़ने का विकल्प मिलेगा, जिससे शहर में प्रदूषण और जाम दोनों में भारी कमी आएगी।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा से आईजीआई एयरपोर्ट का सफर अब घंटों में नहीं, मिनटों में होगा पूरा
इस परियोजना के पूरा होने से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के निवासियों को सबसे बड़ी राहत मिलेगी। वर्तमान में नोएडा से एयरपोर्ट जाने में कई बार डेढ़ से दो घंटे तक का समय लग जाता है, लेकिन UER-2 के विस्तार के बाद यह यात्रा समय घटकर महज 45 से 60 मिनट रहने की उम्मीद है। यह नई कनेक्टिविटी न केवल समय की बचत करेगी बल्कि ईंधन की खपत को भी कम करते हुए एनसीआर में यात्रा के अनुभव को पूरी तरह बदल देगी।




