दिल्ली के बुनियादी ढांचे और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए उत्तम नगर में ‘अटल गार्डन’ की नींव रख दी गई है। नजफगढ़ नाले के किनारे 50 एकड़ के विशाल क्षेत्र में विकसित होने वाला यह प्रोजेक्ट शहर का सबसे बड़ा हरित क्षेत्र (Green Belt) बनने जा रहा है। 27 दिसंबर 2025 को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की आधारशिला रखी। यह पहल केवल एक पार्क बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नजफगढ़ ड्रेन के पुनर्जीवन का एक अहम हिस्सा है, जिसका उद्देश्य प्रदूषण को कम करना और क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। विपिन गार्डन के पास सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण (I&FC) विभाग की जमीन पर आकार लेने वाला यह प्रोजेक्ट दिल्लीवासियों के लिए एक नई सौगात साबित होगा, जहां 21 एकड़ में मुख्य पार्क का निर्माण किया जाएगा।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 12 फुट ऊंची भव्य प्रतिमा के साथ आधुनिक सुविधाओं और मनोरंजन का केंद्र बनेगा यह पार्क
परियोजना की रूपरेखा बेहद भव्य तरीके से तैयार की गई है। कुल 50 एकड़ में से 21 एकड़ हिस्से में मुख्य ‘अटल पार्क’ विकसित किया जाएगा। इस पार्क का मुख्य आकर्षण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 12 फुट ऊंची प्रतिमा होगी। इसके अलावा, आगंतुकों के लिए यहां आकर्षक फव्वारे, रंग-बिरंगे वाटर फाउंटेन और क्रिकेट नेट जैसी सुविधाएं मौजूद होंगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सार्वजनिक आयोजनों के लिए 200 सीटों की क्षमता वाला एक एम्फीथिएटर बनाया जाएगा। लोगों की फिटनेस और मनोरंजन का ध्यान रखते हुए ओपन जिम, फूड कोर्ट, वॉकिंग ट्रैक और बच्चों के लिए विशेष खेल क्षेत्र (Kids Play Area) विकसित किए जाएंगे। वरिष्ठ नागरिकों के आराम के लिए जगह-जगह बेंच और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
हरियाली बढ़ाने के लिए रोपे जाएंगे 10 हजार से अधिक पौधे, स्थानीय प्रजातियों के संरक्षण पर रहेगा विशेष जोर
प्रदूषण से निपटने और दिल्ली की आबोहवा को सुधारने के लिए इस प्रोजेक्ट में पौधारोपण पर खास ध्यान दिया गया है। योजना के तहत पूरे परिसर में 10,000 से अधिक पेड़ लगाए जाएंगे। इनमें छायादार और औषधीय गुणों वाले वृक्ष जैसे महुआ, नीम, कचनार, अमलतास, शीशम, गुलमोहर और आम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए कामिनी और करी पत्ता जैसी देसी प्रजातियों के पौधे भी प्रमुखता से लगाए जाएंगे। यह हरित पट्टी न केवल क्षेत्र की सुंदरता बढ़ाएगी, बल्कि ऑक्सीजन का एक बड़ा स्रोत भी बनेगी।
परियोजना को छह महीने में पूरा करने का लक्ष्य, छठ व्रतियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अगले चार महीनों में तैयार होंगी विशेष सुविधाएं
प्रशासन ने इस प्रोजेक्ट को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का खाका तैयार कर लिया है। कुल रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट की लागत 9.5 करोड़ रुपये आंकी गई है, जबकि डिजाइन और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) पर अब तक 29.94 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। निर्माण कार्य को अगले 6 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। विशेष रूप से, अगले 4 महीनों के भीतर छठ घाट, जलाशय, वॉकवे, हरित क्षेत्र, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और जनसुविधाएं तैयार कर ली जाएंगी ताकि लोग जल्द से जल्द इनका लाभ उठा सकें। साथ ही, नजफगढ़ ड्रेन के दोनों किनारों पर सड़कों का निर्माण, मेट्रो कॉरिडोर के नीचे सेंट्रल वर्ज का विकास और गाद निकालने (डिसिल्टिंग) का काम भी युद्धस्तर पर जारी है, जो अब तक 66% पूरा हो चुका है।
सिंगापुर की तर्ज पर विकसित होगा रिवरफ्रंट, प्रदूषण मुक्ति के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को मिलेगी जाम और जलभराव से राहत
यह परियोजना दिल्ली के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगी। इसका उद्देश्य दिल्ली को सिंगापुर जैसा एक विश्वस्तरीय रिवरफ्रंट देना है। यमुना में गिरने वाले सबसे बड़े नाले के पुनर्जीवन से न केवल गंदगी और बदबू खत्म होगी, बल्कि जलभराव की समस्या से भी निजात मिलेगी। इसके साथ ही, 600 करोड़ रुपये की सड़क परियोजना से स्थानीय कनेक्टिविटी मजबूत होगी। उत्तम नगर, द्वारका मोड़ और विपिन गार्डन के निवासियों को एक बेहतरीन कम्युनिटी सेंटर और आउटिंग स्पॉट मिलेगा। यह परियोजना वर्षों से अतिक्रमण का शिकार रही 50 एकड़ सरकारी जमीन को सुरक्षित करेगी और शहरवासियों के लिए एक सुरक्षित और हरा-भरा वातावरण सुनिश्चित करेगी।




