दक्षिणी दिल्ली का दिल कहा जाने वाला अरविंद मार्ग इन दिनों वाहन चालकों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। एम्स दिल्ली से लेकर ऐतिहासिक महरौली तक जाने वाला यह महत्वपूर्ण रूट अब भीषण ट्रैफिक जाम का पर्याय बन चुका है। दफ्तर जाने का समय हो या शाम की वापसी, यहाँ रोजाना हजारों वाहन रेंगते हुए नजर आते हैं। घंटों तक जाम में फंसना अब आम लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है, जिससे न केवल समय की बर्बादी हो रही है, बल्कि ईंधन की खपत और प्रदूषण भी बढ़ रहा है। स्थानीय निवासियों और इस मार्ग का नियमित इस्तेमाल करने वाले यात्रियों के लिए यह स्थिति अब असहनीय होती जा रही है।
स्थानीय लोगों की बढ़ती शिकायतों के बाद सरकार ने सड़क चौड़ीकरण और ट्रैफिक डायवर्जन का खाका तैयार किया
लगातार बिगड़ते हालातों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित आम जनता की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार ने अब इस मार्ग को जाम-मुक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। प्रशासन ने इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। इस योजना के केंद्र में सड़क का चौड़ीकरण शामिल है, ताकि वाहनों को निकलने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। इसके अलावा, ट्रैफिक डायवर्जन के नए विकल्पों और रणनीतिक स्थानों पर अंडरपास के निर्माण पर भी विचार किया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य है कि इन बदलावों के जरिए वाहनों की आवाजाही को सुचारू बनाया जा सके और अरविंद मार्ग पर लगने वाले बॉटलनेक (संकरे रास्तों) को खत्म किया जा सके।
स्कूलों के खुलने के बाद बेकाबू होते हालात को देखते हुए नए शिक्षण सत्र से पहले समस्या सुलझाने पर जोर
अरविंद मार्ग पर ट्रैफिक के भारी दबाव का एक प्रमुख कारण इस रूट पर स्थित कई बड़े और नामी स्कूल व शिक्षण संस्थान भी हैं। प्रशासन का आकलन है कि जैसे ही स्कूल पूरी क्षमता के साथ खुलते हैं, सुबह और दोपहर के समय यहाँ स्थिति अनियंत्रित हो जाती है। स्कूल बसों और अभिभावकों के वाहनों की कतारें आम ट्रैफिक की रफ्तार को पूरी तरह थाम देती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार की कोशिश है कि स्कूलों के आगामी सत्र के पूरी तरह शुरू होने से पहले ही जाम की इस समस्या पर काफी हद तक काबू पा लिया जाए, ताकि बच्चों और आम यात्रियों को भविष्य में इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
महरौली मंदिर के पास अंडरपास और अलग स्कूल-कॉरिडोर बनाने के प्रस्ताव से मिलेगी ट्रैफिक और सुरक्षा में बड़ी राहत
जाम से निपटने के लिए तैयार की जा रही योजना में कुछ ठोस इन्फ्रास्ट्रक्चर बदलाव भी शामिल हैं। इसमें सबसे प्रमुख प्रस्ताव महरौली मंदिर के समीप एक अंडरपास बनाने का है, जो ट्रैफिक के प्रवाह को निर्बाध बनाने में मदद करेगा। इसके साथ ही, एक विशेष ‘स्कूल-कॉरिडोर’ बनाने की योजना पर भी काम चल रहा है। इस कॉरिडोर का मकसद स्कूली वाहनों और आम ट्रैफिक को अलग-अलग करना है। यदि यह योजना धरातल पर उतरती है, तो न केवल जाम की समस्या कम होगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं की आशंका भी काफी हद तक घट जाएगी, जिससे यह मार्ग सभी के लिए सुरक्षित हो सकेगा।




