सोशल मीडिया और विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर इन दिनों 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर जबरदस्त चर्चा है। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच यह सवाल सबसे ज्यादा गूंज रहा है कि क्या 1 जनवरी 2026 से उनकी सैलरी और पेंशन में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा? हालांकि, साल 2025 के अंत तक जो तस्वीर उभरकर सामने आई है, वह सोशल मीडिया के दावों से थोड़ी अलग है। हकीकत यह है कि 1 जनवरी 2026 से ही नया वेतन आयोग सीधे तौर पर लागू हो जाएगा, यह मान लेना अभी जल्दबाजी होगी। सरकार ने प्रक्रिया जरूर शुरू कर दी है, लेकिन इसकी मंजिल अभी थोड़ी दूर नजर आ रही है।
साल 2025 में केंद्र सरकार ने उठाए वो तीन बड़े और निर्णायक कदम, जिनसे तय हुई 8वें वेतन आयोग की दशा और दिशा
भले ही तुरंत वेतन वृद्धि न हो, लेकिन यह सच है कि साल 2025 वेतन आयोग के लिहाज से बेहद अहम रहा। सरकार ने इस दिशा में तीन बड़े कदम उठाए हैं, जिन्होंने भविष्य की राह तैयार की है। सबसे पहला कदम यह था कि सरकार ने औपचारिक रूप से यह फैसला लिया कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन-भत्तों की समीक्षा के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन किया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में सरकार ने आयोग का गठन करते हुए इसके चेयरमैन और अन्य सदस्यों की नियुक्ति कर दी, जिससे काम शुरू हो सके।
तीसरा और सबसे तकनीकी कदम यह रहा कि सरकार ने आयोग के लिए ‘टर्म्स ऑफ रेफरेंस’ (ToR) यानी काम करने की शर्तें और दायरा अधिसूचित कर दिया। इन शर्तों के जारी होने के दौरान सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों और कर्मचारी संगठनों, विशेष रूप से NC-JCM (स्टाफ साइड) के साथ चर्चा भी की। इन संगठनों ने वेतन, पेंशन और भत्तों में सुधार को लेकर अपने सुझाव और मांगें सरकार के सामने रखी हैं।
पुराने आयोग की समय सीमा खत्म होने के बावजूद क्या 1 जनवरी 2026 से ही लागू हो पाएंगी नई सिफारिशें?
अब सबसे बड़ा सवाल टाइमिंग का है। 7वें वेतन आयोग की 10 साल की मियाद 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो रही है। कायदे से अगला वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होना चाहिए। लेकिन पेंच यह है कि सरकार ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि नई दरें इसी तारीख से लागू होंगी या नहीं। संसद में दिए गए संकेतों और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को देखें तो सरकार लागू करने की तारीख पर अंतिम मुहर तभी लगाएगी, जब वेतन आयोग अपनी विस्तृत रिपोर्ट और सिफारिशें सौंप देगा। चूंकि अभी केवल गठन हुआ है और शर्तें तय हुई हैं, इसलिए 1 जनवरी 2026 को ही बढ़ा हुआ वेतन मिलने की उम्मीद करना व्यावहारिक नहीं लगता।
तुरंत वेतन वृद्धि की उम्मीद भले ही कम हो, लेकिन एरियर मिलने की संभावना से कर्मचारियों को मिलेगी बड़ी राहत
कर्मचारियों के लिए राहत की बात यह है कि भले ही प्रक्रिया में देरी हो, लेकिन उनका आर्थिक नुकसान होने की संभावना कम है। इसका मतलब यह है कि अगर 1 जनवरी 2026 से बढ़ा हुआ पैसा नहीं भी मिलता है, तो भी घबराने की जरूरत नहीं है। ऐतिहासिक रूप से देखा गया है कि जब भी वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं, उन्हें पिछले आयोग के खत्म होने की तारीख से ही प्रभावी माना जाता है। यानी जब भी 8वां वेतन आयोग लागू होगा, कर्मचारियों और पेंशनर्स को 1 जनवरी 2026 से एरियर (बकाया राशि) मिलने की पूरी संभावना बनी रहेगी। यह एरियर एक मुश्त राशि के रूप में मिल सकता है।
रिपोर्ट तैयार करने में लग सकता है 18 महीने का लंबा वक्त, तब तक पुराने फॉर्मूले से ही बढ़ता रहेगा महंगाई भत्ता
आयोग की रिपोर्ट और सिफारिशें कब तक आएंगी, इस पर भी स्थिति काफी हद तक साफ है। वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने और सौंपने के लिए आमतौर पर करीब 18 महीने का वक्त दिया गया है। इस समय सीमा को देखते हुए, 2026 में रिपोर्ट आने की संभावना बहुत कम है। जानकारों का मानना है कि सिफारिशें 2027 में सरकार के पास पहुंचेंगी और उसके बाद कैबिनेट की मंजूरी मिलेगी।
तब तक क्या होगा? तब तक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को मौजूदा 7वें वेतन आयोग के फॉर्मूले के तहत ही महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) में बढ़ोतरी मिलती रहेगी। यानी बड़ी सैलरी हाइक के लिए अभी थोड़ा और सब्र करना होगा, लेकिन प्रक्रिया सही दिशा में आगे बढ़ रही है।




