पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे का अलानमेंट फिक्स करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जायेगी. 450 किलोमीटर लंबी पटना-कोलकाता एक्सप्रेस वे बिहार के चकाई से देवघर के देवीपुर, मधुपुर व करौं होते हुए जामताड़ा व पश्चिम बंगाल जायेगी. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पटना-कोलकाता का डीपीआर बनाने की अनुमति दे दी है. एनएचएआइ द्वारा पटना-कोलकाता एक्सप्रेस-वे का डीपीआर बनाया जायेगा.
अलाइनमेंट व डीपीआर साथ-साथ बनाने का निर्देश
मंत्रालय से एनएचएआइ की लैंड एक्युजेशन कमेटी के चेयरमैन को अलाइनमेंट व डीपीआर साथ-साथ बनाने का निर्देश दिया गया है. अगले छह माह में अलाइनमेंट फिक्स कर डीपीआर को फाइनल कर दिया जायेगा, उसके बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी. पटना-कोलकाता एक्सप्रेस वे तैयार होने से बिहार, झारखंड और बंगाल के कई शहरों को फायदा होगा.
आसान हो जायेगा पटना से देवघर व कोलकाता का सफर
इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से पटना व देवघर से कोलकाता का सफर आसान हो जायेगा. ढाई से तीन घंटे में देवघर कोलकाता की दूरी तय होगी. भारत माला फेज-टू के तहत यह सड़क उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर बनेगी. करीब 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत वाली यह एक्सप्रेस-वे 6 लेन होगी. यह पूरी तरह से ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनेगा. पुरानी सड़कों को इसमें शामिल नहीं किया जायेगा.
इन जिलों को जोड़ेगा पटना-कोलकाता एक्सप्रेस-वे
पटना-कोलकाता एक्सप्रेस-वे पटना के बख्तियारपुर से शुरू होगी.
इसमें बख्तियारपुर, नालंदा, शेखपुरा, जमुई (सिकंदरा और चकाई) होते हुए देवघर के देवीपुर, मधुपुर, करौं व जामताड़ा जिला होते हुए दुर्गापुर और पानागढ़ से ये रोड दानकुनी होते हुए कोलकाता जायेगी.
पटना -कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार की पहली सड़क होगी, जो एज रिस्ट्रिक्टेड होगी.
यह एक्सप्रेसवे पटना बख्तियारपुर होते हुए रजौली से निकलेगा. नालंदा बिहार शरीफ से इसका एलाइनमेंट अलग हो जाएगा. नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा 450 किमी से अधिक पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच प्रस्तावित 6 लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड राजमार्ग होगा. भारतमाला परियोजना (बीएमपी) चरण 2 के तहत यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पुराने भीड़भाड़ वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 2 के विकल्प के रूप में काम करेगा, जिस पर सिर्फ भारी वाहनों का परिचालन होगा.