सऊदी सिटीजनशिप कानून (Citizenship Law) में बदलाव
सऊदी में सिटीजनशिप को लेकर नई तरह की जानकारी सामने आ रही है। दरअसल इन नियमों में बदलाव कर दिया गया है। नागरिकता कानून में किए गए इस संशोधन से काफी लोगों पर प्रभाव पड़ने वाला है। आइए जानते हैं कि कानून क्या है और इसमें क्या बदलाव किया गया है?
बताते चलें कि कई बार ऐसा होता है कि सऊदी में काम पर जाने वाले प्रवासी वहां की सऊदी महिला नागरिक से शादी कर लेते हैं। ऐसे में अब उनके बच्चों की नागरिकता क्या होगी? क्या सऊदी उनसे जन्में बच्चे को नागरिकता देगा?
क्या कहता है नया कानून?
कानून में किया गया संशोधन इसी बात का जवाब देता है। नए नियम के अनुसार अगर कोई प्रवासी किसी सऊदी महिला से शादी करता है तो उनका बच्चा 18 साल की उम्र के बाद नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।
भारतीयों को किस तरह होगा लाभ?
दरअसल भारतीय प्रवासी लाखों की संख्या में सऊदी में काम करते हैं। ऐसे में कई ऐसे भारतीय मौजूद हैं जो सऊदी महिला से शादी कर चुके हैं। ऐसे में उनके बच्चों को सऊदी नागरिकता मिल सकती है। इन बच्चों को सऊदी नागरिकता मिलने के बाद ऐसे कई अधिकारी मिल जाएंगे जो प्रवासियों को नहीं मिलते हैं।
आवेदन के लिए किन नियमों को रखना होगा ध्यान में?
सऊदी अरब (Saudi Arabia) राष्ट्रीयता प्रणाली के अनुच्छेद 8 के अनुसार अगर कोई प्रवासी किसी सऊदी महिला से शादी करता है तो उनका बच्चा 18 साल की उम्र के बाद नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है। हालांकि इसके लिए कुछ जरूरी नियमों का पालन करना होगा जैसे कि
- अरबी भाषा अच्छी तरह आनी चाहिए
- राज्य में स्थायी निवास
- चरित्र अच्छा होना चाहिए
- गैरकानूनी कार्य के लिए छह महीने से अधिक की जेल नहीं होनी चाहिए