एक खबर निकलेगी यूपीआई के ऊपर 1.1% का शुल्क लगेगा. खबर सच्ची है लेकिन जो आप जान रहे हैं वह शायद आधी अधूरी हैं. आधा जानकारी लेकर बेवजह पैनिक होने या किसी भी डिस्कशन में हिस्सा लेना आपके लिए बेकार हो सकता है. आइए विशेष रूप से इस पूरे शुल्क को समझते हैं.
पहले समझे यूपीआई कैसे कैसे हो सकता है.
शुरुआती दिनों में यूपीआई की शुरुआत कुछ इस कदर से हुई थी कि आप अपना पेमेंट अपने बैंक खाते से लिंक करके और मोबाइल एप्लीकेशन यूपीआई के माध्यम से करते थे.
- इसमें नया यह हुआ कि आप केवल बैंक ही नहीं बल्कि यूपीआई में अब आप अपने कार्ड को जोड़कर भी पेमेंट कर सकते हैं. मतलब यह हुआ कि सोर्स के तौर पर केवल बैंक ही नहीं बल्कि कार्ड भी अब वैलिड होने लगा है.
- तीसरा नया चीज है जुड़ा की यूपीआई के माध्यम से पेमेंट भेजने के लिए बैंक और कार्ड दोनों ना हो तब वैसे स्थिति में आप डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं. डिजिटल वॉलेट का मतलब जैसे पेटीएम वॉलेट इत्यादि है.
- मामला यहीं से बदलता है. अब इन डिजिटल वॉलेट को आप डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, या सीधा बैंक अकाउंट से रिचार्ज कर सकते हैं और रिचार्ज किए गए पैसे से आप यूपीआई के जरिए किसी को भी पैसे भेज सकते हैं.
जो नया नियम आया है उसमें ऐसा है कि जब आप यूपीआई डिजिटल वॉलेट इत्यादि से करते हैं तब आपको शुल्क के तौर पर 1.1% चुकाना होगा. लेकिन इसमें भी ध्यान रखने की यह बातें हैं कि केवल दो हजार से ऊपर के ट्रांजैक्शन पर ही या शुल्क लिया जा सकता है उसे नीचे के राशि के यूपीआई पर आपसे यह शुल्क नहीं वसूला जाएगा.
यहां आप साफ तौर पर समझ ले अगर आप सामान्य तौर पर यूपीआई का प्रयोग अपने बैंक अकाउंट से कर रहे हैं तो वैसी स्थिति में आपको किसी भी प्रकार का शुल्क कहीं पर भी देना नहीं पड़ेगा.