पेट्रोलियम क्रूड पर विंडफॉल टैक्स खत्म
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार से पेट्रोलियम क्रूड पर विंडफॉल टैक्स पूरी तरह से समाप्त कर दिया। इससे पहले यह 4,100 रुपये प्रति टन था। सोमवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल, डीजल व एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर भी टैक्स नहीं लगेगा। एक मई को विंडफॉल टैक्स 6,400 रुपये से घटाकर 4,100 रुपये प्रति टन किया गया था। इस कर से गैसोलीन, डीजल व एटीएफ के निर्यात पर टैक्स बढ़ा दिया गया था।
सोलर उपकरण होंगे सस्ते, आवेदन शुल्क 80% घटा
सोलर उपकरण जल्द सस्ते होंगे। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने को उपकरण बनाने वाली कंपनियों के लिए कारोबार को आसान करने के मद्देनजर कदम उठाया है। मंत्रालय ने बयान में कहा, मंजूरी प्राप्त सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल्स के विनिर्माताओं और मॉडल में सुधार किए गए हैं। इसमें आवदेन शुल्क में 80% की कमी की गई है। एमएनआरई ने सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल के लिए अपने एएलएमएम तंत्र में कई सुधार किए हैं। सुधारों का उद्देश्य सौर पीवी निर्माताओं की लागत को कम करना, अनुपालन बोझ और पूरी एएलएमएम प्रक्रिया में व्यापार करने में आसानी को बढ़ाना है। ग्रिड आधारित बिजलीघरों में मॉड्यूल में दक्षता कम-से-कम 20% होगी। छतों पर लगने वाली सौर परियोजनाएं और सोलर पंपिंग में कम से कम 19.50% मॉड्यूल दक्षता होगी।
कारखाना निरीक्षण से भी दी गई छूट
आवेदन शुल्क में 80% की कमी के साथ निरीक्षण शुल्क में पर्याप्त कमी की गई है। इतना ही नहीं, एएलएमएम में अतिरिक्त मॉडलों की सूची में कारखाना निरीक्षण से छूट भी दी गई है।
डेट फंड में 1.06 लाख करोड़ का निवेश, लिक्विड का 60% हिस्सा
डेट म्यूचुअल फंड में अप्रैल में 1.06 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है। इसमें से अकेले 60 फीसदी निवेश (63,219 करोड़ रुपये) लिक्विड फंड में आया है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, क्रेडिट रिस्क और बैंकिंग एवं पीएसयू फंड श्रेणियों को छोड़कर, अन्य सभी सेगमेंट में शुद्ध निवेश आया है। मनी मार्केट फंड में 13,961 करोड़, फ्लोटर फंड में 3,911 करोड़ और अल्ट्राशॉर्ट ड्यूरेशन फंड में 10,663 करोड़ निवेश आया है। मार्च में डेट फंडों से 56,884 करोड़ की निकासी की गई थी। अप्रैल में भारी निवेश से डेट का एसेट अंडर मैनेजमेंट 12.98 लाख करोड़ पर पहुंच गया। एक अप्रैल से इंडेक्सेशन से कर लाभ उपलब्ध नहीं होने के कारण डेट फंडों के निवेश में इस साल गिरावट देखी जा सकती है।