आजकल के समय में जीवन शैली सबकी थोड़ी बहुत खराब है तो अधिकांश लोगों की जीवन शैली है ही नहीं इतना ही नहीं work-from-home के चक्कर में घंटा घर में बैठे-बैठे लोग भी आजकल खराब जीवनशैली के शिकार हो रहे हैं. इसका सबसे ज्यादा असर शरीर के सबसे महत्वपूर्ण भाग लीवर पर पड़ता है. आपका शरीर आपको सिग्नल देना शुरू कर देता है कि आपका लीवर अब समस्याओं से जूझ रहा है लेकिन बहुत कम लोगों को ही पता रहता है कि यह समस्याएं क्या है ?
आइए पहले चर्चा करते हैं कि अगर आपकी लीवर में समस्या आ चुकी है तो आपके शरीर किस प्रकार के सिग्नल आपको दे रहे होते हैं.
- थकान, कमजोरीपेट में दाई ओर थोड़ा भारीपन, गैस, सूजन इत्यादि है, तो यह लिवर की समस्या हो सकती है।
- कई बार रूटीन स्क्रीनिंग से लिवर का टेस्ट थोड़ा बढ़ा हुआ आता है।
- ऐसे में अल्ट्रासाउंड से फैटी लिवर की सही जानकारी मिल सकती है।
- मधुमेह या वजन अधिक है, तो फैटी लिवर की जांच करानी चाहिए।
- पेट के आसपास चर्बी या गर्दन पर कालापन भी लिवर की बीमारी का संकेत हो सकता है।
डॉ विनोद अरोड़ा बताते हैं कि अव्यवस्थित जीवनशैली के चलते `लोग अनेक तरह की समस्याओं में घिरते जा रहे हैं। इनमें मुख्य रूप से फैटी लिवर, मोटापा और मधुमेह सामान्य होता जा रहा है। बहुत पहले से यह माना जाता रहा है कि शराब का सेवन लिवर की बीमारी का सबसे बड़ा कारण है, लेकिन आज के समय में फैटी लिवर की समस्या उन लोगों को भी हो रही है, जो शराब का सेवन नहीं करते। अगर डायबिटीज, हाइपरटेंशन, थायरायड और कोलेस्ट्राल है, तो नान- अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) का जोखिम बढ़ जाता है। अगर शुरुआत में ही उपचार शुरू हो जाए, तो आगे चलकर होने वाली लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों को रोका जा सकता है।
लिवर स्वस्थ रखने के उपाय
- लिवर की बीमारी से बचने के लिए संतुलित भोजन और व्यायाम जरूरी है।
- हफ्ते में कम से कम 150 मिनट व्यायाम के लक्ष्य को जरूर हासिल करें।
- मांसपेशियों को मजबूत रखें, तो लिवर की कार्यप्रणाली बेहतर रहेगी।
- इससे शुगर, फैट का मेटाबोलिज्म बेहतर हो जाता है।
- अगर 10 प्रतिशत भी वजन कम कर लें, तो फैटी लिवर को सही कर सकते हैं।