भारतीय ऊर्जा एक्सचेंज जब 35 से 318 तक पहुँचा
निवेशक अब भी भारतीय ऊर्जा एक्सचेंज (IEX) के स्टॉक के मजबूत लाभों को याद करते हैं। पैंडेमिक के शुरुआती संकट के बाद, बुल मार्केट ने मार्च 2020 में INR 35 से IEX स्टॉक्स को अक्टूबर 2021 में INR 318 तक पहुंचाया, निवेशकों को 800% वापसी देकर खुश कर दिया था।
IEX की वर्तमान संघर्ष
इन सभी उपलब्धियों के बावजूद, आज, IEX का नीचे की ओर झुकाव है। शेयर अक्टूबर 2021 की ऊंचाईयों से 60% से अधिक गिर गया है, और विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी 37.74% से घटाकर 17% कर दी है। यह प्रतीत होता है कि यह मोनोपोली शेयर क्यों अपनी चमक खो रहा है?
समझने की चुनौतियाँ: ‘मार्केट कपलिंग’
भारत में बिजली एक कड़ी से नियंत्रित व्यापार है, जहां सरकारी नीतियों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसी ही एक नीति, ‘मार्केट कपलिंग’, IEX निवेशकों में अस्थिरता पैदा कर रही है।
‘मार्केट कपलिंग’ का IEX के लिए प्रभाव
मार्केट कपलिंग की नीति के अनुसार, एक सरकार द्वारा नियुक्त प्राधिकरण आदेशों को मिलाएगा, जिससे एक एक्सचेंज पर खरीदार को दूसरे एक्सचेंज पर बिक्री करने वाले से बिजली खरीदने की अनुमति होगी। इससे IEX अपनी मूल्य निर्धारण प्राधिकरण और बाजार हिस्सा खो सकता है।
उद्योग की अनुमान और भविष्य की संभावनाएं
मार्केट कपलिंग नीति का पूर्ण रूप से क्रियान्वित होने में अभी काफी समय बाकी है, और बाजार हिस्सा में परिवर्तन अवश्य ही IEX के मूलभूतों का विनाश नहीं करता है। नीति परिवर्तनों के बावजूद, IEX की प्रौद्योगिकी प्रभुत्व और कार्य कुशलता इसे प्रतिस्पर्धा से आगे रख सकती हैं।
महत्वपूर्ण जानकारी | |
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मार्च 2020 शेयर मूल्य | INR 35 |
अक्टूबर 2021 शेयर मूल्य | INR 318 |
विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी (अक्टूबर 2021 से अबतक) | 37.74% से 17% |
ऑपरेटिंग लाभ मार्जिन (मार्च 2023 तक) | 84% |
मार्केट कपलिंग का अनुमानित प्रभाव | मूल्य निर्धारण अधिकार और संभावित बाजार हिस्से की हानि |