दवा की नकली और असली की पहचान करेंगे QR कोड, सरकार ने लगवाया अनिवार्य
केंद्र सरकार ने अब दवा की नकली और असली की पहचान करने का तरीका बदल दिया है। 1 अगस्त से 300 दवाओं पर QR कोड लगाने के आदेश दिए गए हैं। इससे यूजर्स दवा की सभी जानकारी जैसे की दवा का प्रॉपर नाम, जेनेरिक नाम, ब्रांड का नाम, बनाने वाली कंपनी की टिप्पणी, मैन्यूफैक्चरिंग तिथि, एक्सपायरी तिथि, लाइसेंस नंबर आदि का पता लगा सकेंगे।
QR कोड: नकली और असली दवा का पता लगाएगा
आज 1 अगस्त से शुरू हुए इस प्रक्रिया में, दवाओं पर QR कोड लगाने के आदेश देने वाली सरकार ने नकली दवाओं को रोकने के लिए यह कदम उठाया है। अब आप जो दवा मेडिकल स्टोर से खरीद रहे हैं, उसकी असलियत की जांच करने की चिंता नहीं होगी।
फार्मा कंपनियों को बारकोड लगाने की हिदायत
सरकार ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 को संशोधित करके फार्मा कंपनियों को अपने ब्रांड पर H2/QR लगाने के लिए निर्देश दिया है। इस निर्देश का पालन न करने पर कंपनियों पर भारी जुर्माना लग सकता है।
इस निर्णय से उम्मीद है कि नकली दवाओं की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। सरकार का यह कदम जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम है।
सूचना सारणी
विवरण | जानकारी |
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दवाओं पर लगने वाले कोड का प्रकार | QR कोड |
लागू होने की तारीख | 1 अगस्त, 2023 |
लागू होने वाली दवाओं की संख्या | 300 |
दवाओं पर जानकारी | प्रॉपर नाम, जेनेरिक नाम, ब्रांड का नाम, बनाने वाली कंपनी की टिप्पणी, मैन्यूफैक्चरिंग तिथि, एक्सपायरी तिथि, लाइसेंस नंबर |
संशोधित एक्ट | ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 |
जुर्माना | अनुपालन न करने पर भारी जुर्माना |