यूएई में अपनी मजबूत और लंबी उपस्थिति दर्ज करा चुका अल-हिंद समूह (AlHind Group) अब भारत में एक नई घरेलू एयरलाइन शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस वाहक को परिचालन शुरू करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय से प्रारंभिक मंजूरी मिल गई है। यात्रा, पर्यटन और मोबिलिटी क्षेत्र का यह दिग्गज समूह, जिसकी नींव 1990 के दशक की शुरुआत में पड़ी थी, भारत में ‘अल-हिंद एयर’ का संचालन शुरू करेगा और आवश्यक मानदंडों को पूरा करने के बाद अपनी अंतरराष्ट्रीय सेवाएं भी शुरू करने की योजना बना रहा है।
घरेलू उड़ानों से होगी शुरुआत, 20 विमानों का बेड़ा तैयार होते ही खाड़ी देशों के लिए शुरू होगी इंटरनेशनल सर्विस
एयरलाइन की योजना शुरुआत में तीन विमानों के साथ उड़ान भरने की है। नियमों के मुताबिक, जैसे ही एयरलाइन के पास 20 विमानों का बेड़ा हो जाएगा, वह अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू कर देगी। समूह का पहला अंतरराष्ट्रीय गंतव्य यूएई होने की उम्मीद है। बुधवार को अल-हिंद एयर उन दो एयरलाइनों में शामिल हो गई, जिन्हें भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा “नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट” (NOC) प्रदान किया गया है। यह कदम हाल ही में एक बड़ी एयरलाइन संकट के कुछ सप्ताह बाद आया है, जिसके कारण हजारों उड़ानें रद्द हुईं और भारत व विदेश दोनों जगहों पर यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
हजारों यात्रियों के फंसे होने और फ्लाइट्स कैंसिल होने के संकट के बीच सरकार दे रही है नई एयरलाइंस को बढ़ावा
बीते दिनों के संकट के दौरान कुछ यूएई यात्रियों को 10 घंटे तक की देरी का सामना करना पड़ा था। इस स्थिति को देखते हुए सरकार घरेलू एयरलाइन बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रही है ताकि यात्रियों को बेहतर विकल्प मिल सकें। अल-हिंद एयर का बाजार में आना इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
केरल की एक छोटी ट्रैवल एजेंसी से लेकर दुनिया भर में 130 से ज्यादा शाखाओं वाला विशाल नेटवर्क बनने का सफर
अल-हिंद की शुरुआत 1992 में दक्षिण भारतीय राज्य केरल में ‘अल-हिंद टूर्स एंड ट्रैवल्स’ के रूप में हुई थी, जो यात्रा प्रबंधन, कार्गो सेवाओं और हॉस्पिटैलिटी सहायता से जुड़ी थी। इसने 1995 में यूएई और अन्य मध्य पूर्वी देशों में अपना परिचालन शुरू किया। निदेशक मोहम्मद हारिस द्वारा स्थापित और एमडी पी.वी. वलसाज के नेतृत्व में, कंपनी तेजी से एक बड़े वैश्विक नेटवर्क में बदल गई, जिसकी आज दुनिया भर में 130 से अधिक शाखाएं हैं। आज इस समूह की रुचि हॉस्पिटैलिटी, चार्टर सेवाओं, मनी एक्सचेंज और आईटी व ट्रैवल समाधानों सहित कई उद्योगों में है।
प्रवासियों को सस्ती हवाई यात्रा का तोहफा देने के लिए कम किराए और बिजनेस क्लास की सुविधाओं वाला खास प्लान
कंपनी पिछले कई वर्षों से इस एयरलाइन के लिए आधार तैयार कर रही थी। एयरलाइन एटीआर 72-600 मॉडल के विमानों के बेड़े के साथ परिचालन शुरू करेगी। वहीं, मध्य पूर्व के मार्गों के लिए एयरबस A320 का संचालन किया जाएगा, जिसमें बिजनेस क्लास की सुविधा भी होगी। कंपनी का लक्ष्य यूएई में रहने वाले प्रवासियों की सेवा के लिए टिकट की कीमतों को बाजार में सबसे कम रखना है। लागत को नियंत्रित रखने के लिए कंपनी केवल न्यूनतम संख्या में कर्मचारियों को नियुक्त करने की रणनीति पर काम कर रही है।
दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों और गोवा को जोड़ने के साथ ही संपर्क बढ़ाने पर रहेगा एयरलाइन का पूरा फोकस
एयरलाइन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, उड़ानें मुख्य रूप से केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और गोवा जैसे भारतीय राज्यों के लिए संचालित की जाएंगी। गौरतलब है कि निवासियों और प्रवासियों के लिए यात्रा सेवाओं को तैयार करने के अलावा, अल-हिंद प्रमुख भारतीय एयरलाइनों के लिए जनरल सेल्स एजेंट (GSA) के रूप में भी कार्य करता है। इसका मतलब है कि यह बिक्री, विपणन और ग्राहक-संबंधी गतिविधियों को संभालते हुए एक एयरलाइन के स्थानीय वाणिज्यिक प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है, जिससे उन्हें एविएशन मार्केट की गहरी समझ है।





