बाहर घूमते हुए अगर आपको जरूरत के वक्त किसी भी होटल रेस्टोरेंट ढाबा इत्यादि की जरूरत पड़ जाए तो आप बेझिझक निशुल्क रूप से उस में प्रवेश ले सकते हैं. इसको लेकर भारत के संविधान में पहले से ही कानून बनाए गए हैं.
भारतीय संविधान के अनुच्छेद संख्या 15 (2) के तहत होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा इत्यादि निजी संपत्ति होने के बावजूद भी सार्वजनिक सेवाओं की श्रेणी में आते हैं. और यहां पर नागरिकों को लिंग जाति धर्म भाषा वेशभूषा या क्षेत्र के आधार पर प्रवेश करने से नहीं रोका जा सकता है.
आवश्यक जानकारी:~
— NCIB Headquarters (@NCIBHQ) November 21, 2022
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होटल, रेस्टोरेंट व ढाबा निजी संपत्ति होने के बाद भी सार्वजनिक सेवाओं की श्रेणी मे आते है। संविधान के अनुच्छेद 15 (2) के तहत किसी भी नागरिक को उपरोक्त सार्वजनिक स्थल पर लिंग, जाति, धर्म, भाषा, वेशभूषा या क्षेत्र के आधार पर प्रवेश करने से रोका नही जा सकता।
भारतीय संविधान के इस कानून के तहत आप सार्वजनिक जगहों पर सार्वजनिक सेवाएं जैसे शौचालय का प्रयोग, पानी पीना इत्यादि बेझिझक कर सकते हैं चाहे वह होटल फाइव स्टार ही क्यों ना हो अगर आपको अंदर प्रवेश लेने का इच्छा है तो आप भेजे जा जाकर आ सकते हैं.