सऊदी अरब में सऊदी विजन 2030 को लेकर गए बदलाव किए जा रहे हैं और इसी क्रम में किसी भी प्रवासी को अपनी कंपनी छोड़ किसी अन्य कंपनी में जाने के लिए आजादी भी दी गई है. आज इसी में नीति पर सऊदी अरब में कुछ नई जानकारी लोगों को दी है जो एक कंपनी से दूसरे कंपनी में अपनी नौकरी को ट्रांसफर करने के वक्त लगने वाले शुल्क को लेकर हैं.
आप कैसे नौकरी बदल सकते हैं.
अब आप एक कंपनी के दूसरे कंपनी जाने के लिए आजाद हैं और उसके लिए आपको केवल अन्य कंपनी में आवेदन करना होगा और अगर दूसरी कंपनी में आपका आवेदन स्वीकार हो जाता है तो अपनी कंपनी स्विच कर सकते हैं हालांकि विशेष अनुबंध अर्थात विशेष कॉन्ट्रैक्ट को इससे अलग रखा गया है.
नौकरी बदलने पर क्या शुल्क देना होगा और इसके बारे में जानकारी जान लीजिए.
अगर आप नौकरी एक कंपनी से दूसरे कंपनी बदल रहे हैं तो इसके लिए लगने वाले शुल्क का भुगतान आपको ना करके जिस कंपनी में आप जा रहे हैं उस कंपनी से डायरेक्ट लिया जाएगा. कामगारों पर किसी भी प्रकार का अन्य बोझ नहीं डाला जाएगा.
विशेष अनुबंध या स्पेशल कॉन्ट्रैक्ट क्या है?
- अब ऐसे समझ ले जैसे की बहुत सारी ऐसी नौकरियां हैं जिसमें आपके ऊपर केबल कार्य करने की परमिट होती है और आप उनके पूरे काम का जिम्मा नहीं लेते हैं जैसे कि आप एक कंपनी में काम करते हैं जहां पर आप लेबर के तौर पर कॉन्ट्रैक्ट किए हैं तो यहां पर अपनी नौकरी बदल सकते हैं और कॉन्ट्रैक्ट में दिए गए समय सीमा के उल्लंघन के ऊपर कोई जुर्माना भी ना लगेगा.
- लेकिन अगर आप किसी कंपनी के साथ यह कॉन्ट्रैक्ट करके आते हैं कि आप उस कंपनी का काम पूरा करने के लिए आए हैं और पूरा करके जाएंगे और उसी के लिए आपको वर्क परमिट जारी किया गया है तो ऐसे संदर्भ में आपके ऊपर लीगल राइट्स के अंतर्गत कार्यवाही संभव है यहां पर बात वादाखिलाफी की हो जाती है. ऐसे श्रेणी में अक्सर कंसलटेंट आते हैं.
वह कामगार जो दैनिक कार्य करते हैं और सामान्य नौकरियों पर हैं उन्हें कंपनी बदलने की आजादी है और जो स्पेशल कॉन्ट्रैक्ट कंसल्टेंट के तौर पर हैं उन्हें कॉन्ट्रैक्ट बीच में छोड़ने की वजह से लीगल परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं.