उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद से एक परिवार ने आरोप लगाया है कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसके सहयोगी बदर अख्तर सिद्दीकी ने उनकी बेटी को दुबई में नौकरी दिलाने का झांसा देकर फंसाया। इसके बाद उसे अपने धर्मांतरण गिरोह में शामिल कर लिया।
परिवार का कहना है कि उनकी बेटी अक्टूबर 2019 से लापता है और वह छांगुर बाबा के प्रभाव में आकर ब्रेनवॉश हो चुकी थी। उल्लेखनीय है कि छांगुर बाबा को 5 जुलाई को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था, जो कथित रूप से एक धार्मिक रूपांतरण सिंडिकेट का मास्टरमाइंड बताया गया है।
लापता लड़की की बहन ने बताया कि 2019 में टूर एंड ट्रैवल कोर्स के दौरान उसकी सिद्दीकी से मुलाकात हुई थी। उन्होंने दावा किया कि सिद्दीकी ने उनकी बहन को पहले घुमाने-फिराने का लालच दिया और फिर धीरे-धीरे उसका मानसिक रूप से ब्रेनवॉश कर लिया।
परिवार के अनुसार, 24 अक्टूबर 2019 को युवती को आख़िरी बार सिद्दीकी और तीन अज्ञात व्यक्तियों के साथ एक पर्दे वाली कार में देखा गया था। कुछ समय के लिए जब वह घर लौटी, तो उसके व्यवहार में चौंकाने वाला बदलाव देखा गया। युवती की बहन का कहना है कि वह पूजा-पाठ छोड़ चुकी थी, भगवान का नाम सुनकर चिढ़ने लगी थी और माता-पिता से भी पूरी तरह कट चुकी थी।
महिला ने यह भी दावा किया कि उसकी बहन का पासपोर्ट अब भी परिवार के पास है और उन्हें शक है कि उसे अवैध तरीके से देश से बाहर भेजा गया होगा। गाज़ियाबाद की एक युवती की बहन ने सनसनीखेज आरोप लगाया है कि बदर अख्तर सिद्दीकी, जो छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन का करीबी सहयोगी है, उसने उसकी बहन को न सिर्फ ब्रेनवॉश किया, बल्कि उस पर शारीरिक अत्याचार भी किए। “वह सिगरेट जलाकर उसकी शरीर पर दागता था।
इस मामले में गिरफ्त में आया छांगुर बाबा, जो पहले उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले में साइकिल पर अंगूठियां और ताबीज बेचता था। लेकिन आज वो कथित तौर पर एक धार्मिक रूपांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड बन चुका है। पुलिस जांच में सामने आया है कि उसके पास करीब ₹106 करोड़ की फंडिंग थी, जो मुख्य रूप से मिडल ईस्ट (खाड़ी देशों) से आई थी। ये रकम 40 बैंक खातों में जमा की गई थी, और उसके पास कई करोड़ की दो से अधिक संपत्तियां भी पाई गईं।
पुलिस का कहना है कि गरीब, असहाय मज़दूरों, कमजोर वर्गों और विधवा महिलाओं को छांगुर बाबा और उसके गिरोह द्वारा लालच, आर्थिक मदद, शादी का वादा या डर दिखाकर धर्मांतरण के लिए मजबूर किया गया। यह सब तय प्रक्रिया और क़ानून के उल्लंघन में किया गया।




