ऑटोमेटेड टेलर मशीन (ATM) ने बैंकिंग को पहले से कहीं आसान बना दिया है, जिससे ग्राहकों को बार-बार बैंक शाखाओं के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। हालांकि, इसकी सुविधा के साथ-साथ कई लोग अब भी इसके नियमों और चार्जेज़ से अनजान हैं। हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एटीएम ट्रांजैक्शन लिमिट और चार्जेज़ को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट: नए नियमों के अनुसार, मेट्रो शहरों के ग्राहकों को हर महीने केवल तीन फ्री ट्रांजैक्शन मिलेंगे, जिसमें कैश विड्रॉल, बैलेंस इंक्वायरी और अन्य नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन शामिल हैं। वहीं, नॉन-मेट्रो शहरों में रहने वाले ग्राहकों को पांच फ्री ट्रांजैक्शन मिलेंगे। निर्धारित सीमा से ज़्यादा लेन-देन करने पर चार्ज लगाया जाएगा।
चार्जेज़: फ्री लिमिट से अधिक होने पर हर अतिरिक्त कैश ट्रांजैक्शन पर बैंक अधिकतम ₹23 (GST सहित) चार्ज कर सकते हैं। वहीं, बैलेंस इंक्वायरी जैसे नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर कुछ बैंक ₹11 तक का शुल्क लेते हैं। यह दरें अलग-अलग बैंकों की पॉलिसी पर निर्भर करती हैं।
हाई-वैल्यू कैश ट्रांजैक्शन नियम: सरकार ने बड़े कैश लेन-देन पर भी नए नियम लागू किए हैं। अब एक वित्तीय वर्ष में कुल ₹20 लाख या उससे अधिक की नकद जमा या निकासी (एक बार में या कई बार में) करने पर पैन और आधार कार्ड देना अनिवार्य होगा। इन नियमों का मकसद ब्लैक मनी पर रोक लगाना और फाइनेंशियल ट्रांसपेरेंसी बढ़ाना है।
ATM चार्ज से बचने के तरीके: ग्राहकों के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि अधिकतर ट्रांजैक्शन अपने बैंक के एटीएम से ही करें, क्योंकि वहाँ अधिक फ्री ट्रांजैक्शन मिलते हैं। बैलेंस चेक जैसी छोटी ज़रूरतों के लिए इंटरनेट या मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करें। साथ ही, हर महीने किए गए ATM उपयोग का ध्यान रखें ताकि फ्री लिमिट के भीतर रहकर बेवजह के चार्ज से बचा जा सके।




