इन दिनों बांग्लादेश की मॉडल और सामाजिक कार्यकर्ता मेघना आलम हर न्यूज चैनल की हेडलाइन में छाई हुई हैं। सऊदी अरब के पूर्व राजदूत (बांग्लादेश में नियुक्त) एसा यूसुफ अल दुहैलान के साथ अपने रिलेशनशिप को लेकर वो सुर्खियों में छाई हुई हैं। मेघना का आरोप है कि सऊदी राजदूत के साथ उनके रिलेशनशिप की वजह से उन्हें गिरफ्तारी और सार्वजनिक अपमान का सामना करना पड़ा।
रिश्ता सार्वजनिक होने पर हुई गिरफ्तारी और मिली बदनामी
30 वर्षीय मेघना आलम ने बताया कि वह सितंबर 2024 में ढाका में एक कार्यक्रम के दौरान एसा अल दुहैलान से मिली थीं। मेघना का कहना है कि राजदूत ने उन्हें रोमांटिक तरीके से प्रभावित करने की कोशिश की और उन्हें कई महंगे तोहफे भेजे जिनमें कुरान, गहने, और 200 किलोग्राम खजूर शामिल थे, जिन पर लिखा था “गिफ्ट फ्रॉम द किंग ऑफ सऊदी अरेबिया”।
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जब दोनों के रिलेशनशिप की खबर सार्वजनिक हुई तो मेघना को गिरफ्तार कर लिया गया और साथ ही साथ मीडिया में जमकर बदनाम भी किया गया। मेघना ने आरोप लगाया कि इस पूरे घटनाक्रम में राजनयिक प्रभाव और राजनीतिक दबाव शामिल थे, जिससे उनका करियर और सामाजिक प्रतिष्ठा दोनों बर्बाद हो गए। यह मामला अब बांग्लादेश और सऊदी अरब के बीच राजनयिक चर्चा का विषय बन गया है, जबकि सोशल मीडिया पर लोग इसे ‘राजनयिक रिश्ते की सजा’ बता रहे हैं।
गर्भपात की खबरों को नकारा
पूर्व मॉडल मेघना ने बताया कि सऊदी राजपूत के साथ उनका रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चला लेकिन ये रिश्ता सार्वजनिक था। मेघना का कहना है कि बताया कि राजनयिक ने उन्हें कहा था कि वह तलाकशुदा हैं। मेघना ने दावा किया कि जब उन्होंने उनसे संपर्क समाप्त किया, तो ढाका में अफवाहें फैलने लगीं कि वह गर्भवती हो गई थीं और गर्भपात करवा लिया, लेकिन उन्होंने इस आरोप को पूरी तरह से नकार दिया।
अचानक हुई गिरफ्तारी
9 अप्रैल 2025 को जैसे ही मेघना अपने घर पहुंची पुलिस ने अचानक से आकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वहीं पुलिस का कहना है कि वे उनकी जन्म प्रमाण पत्र और संभावित ड्रग्स रखने की जांच कर रही थी। इस दौरान मेघना ने फेसबुक पर लाइव होकर अपनी स्थिति दिखाई, उसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया। मेघना ने बताया कि उन्हें दो दिन तक परिवार और वकील से संपर्क नहीं करने दिया गया और फेसबुक पर अपलोड किए गए वीडियो को डिलीट करने के लिए दबाव डाला गया। बाद में स्पेशल पावर्स एक्ट के तहत उन पर धोखाधड़ी, ब्लैकमेल और राजनयिकों को फंसाने (हनी ट्रैपिंग) के आरोप लगाए गए जो बिना मुकदमे के गिरफ्तारी की अनुमति देता है। पुलिस ने आरोप लगाया कि मेघना आलम, व्यवसायी दिवान समीर और अन्य लोग एक नेटवर्क का हिस्सा थे, जो महिलाओं का इस्तेमाल करके विदेशी राजनयिकों और व्यवसायियों को रिश्तों में फंसाते थे और आर्थिक लाभ उठाते थे। ढाका के कोर्ट ने मेघना आलम की 30 दिन की हिरासत का आदेश दिया, यह कहते हुए कि उनके होने से सार्वजनिक व्यवस्था और विदेश संबंधों को खतरा हो सकता है। उन्हें 28 अप्रैल को जमानत पर रिहा किया गया।
मेघना की गिरफ्तारी गंभीर चिंता का विषय
मेघना का कहना है कि जिस दिन उन्हें गिरफ्तार किया गया ठीक उसी दिन सऊदी के राजदूत अल दुहैलान बांग्लादेश छोड़कर चले गए। साथ ही उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट भी डिलीट कर दिए। इस मामले पर अमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि मेघना आलम की गिरफ्तारी में स्पेशल पावर्स एक्ट का इस्तेमाल गंभीर चिंता का विषय है और यह कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है। 27 बांग्लादेशी महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस को पत्र लिखा, मेघना की रिहाई और उनकी हिरासत की स्वतंत्र जांच की मांग की। अमनेस्टी ने कहा, “अधिकारियों को या तो उन पर मान्यता प्राप्त अपराध का आरोप लगाना चाहिए या उन्हें रिहा करना चाहिए।” मेघना आलम ने सभी आरोपों को नकार दिया और कहा कि उन्हें सऊदी राजनयिक की रक्षा के लिए निशाना बनाया गया। इस मामले की जांच अभी जारी है।




