योगी सरकार ने अब उत्तर प्रदेश के युवाओं को वैश्विक स्तर पर रोजगार दिलाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लखनऊ में रोजगार महाकुंभ के बाद अब सेवायोजन विभाग द्वारा गोरखपुर में 14 से 15 अक्टूबर तक मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में ‘रोजगार महाकुम्भ-2025’ का आयोजन होने वाला है। इस रोजगार महाकुंभ में यूएई और ओमान जैसे देशों में कंस्ट्रक्शन और अन्य क्षेत्रों में 10,855 रिक्तियों के लिए कई पदों पर भर्तियां की जाएंगी। इसमें मासिक वेतन 24,000 रुपये से लेकर 1,20,769 रुपये तक निर्धारित किया गया है।
बेरोजगारी होगी खत्म
सीएम योगी आदित्यनाथ का मानना है कि इस पहल से प्रदेश में बेरोजगारी का खात्मा होगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत बनेगी। ऐसे में युवा अपने कौशल को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित कर सकेंगे। सरकार का लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करते हुए प्रदेश के हर एक युवा को रोजगार के लिए सशक्त बनाना है।
कुल 10,855 रिक्तियों पर होगी भर्ती
गोरखपुर में आयोजित होने वाले इस रोजगार महाकुंभ में अलग-अलग क्षेत्रों में कुल 10,855 रिक्तियों पर भर्तियां की जायेंगी। इसमें निर्माण श्रमिकों, सुपरवाइजर्स, ड्राइवर्स और कार्पेंटर्स जैसे कुशल व अकुशल पदों पर भर्ती का विशेष जोर रहेगा।
• कंस्ट्रक्शन वर्कर्स सहित सुपरवाइजर रिगिंग: 6 पद (यूएई और ओमान), वेतनमान 1,20,760 रुपये प्रतिमाह।
• मोबाइल पंप ऑपरेटर: 50 पद, वेतनमान 90,643 रुपये प्रतिमाह।
• ट्रांजिट मिक्सर ड्राइवर (यूएई): 50 पद, वेतनमान 72,514 रुपये प्रतिमाह।
• फोरमैन सिविल: 15 पद, वेतनमान 66,422 रुपये प्रतिमाह।
• हैवी ट्रक ड्राइवर (यूएई): 50 पद, वेतनमान 58,011 रुपये प्रतिमाह।
• हैवी बस चालक (यूएई लाइसेंस): 50 पद, वेतनमान 53,177 रुपये प्रतिमाह।
• शटरिंग कार्पेंटर: 1,000 पद, वेतनमान 28,800 रुपये प्रतिमाह।
• कंस्ट्रक्शन हेल्पर: 4,500 पद, वेतनमान 24,000 रुपये प्रतिमाह।
कैसे करें रजिस्ट्रेशन और आवेदन
जानकारी के लिए आपको बता दें कि सेवायोजन विभाग ने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और डिजिटल बनाने के लिए सभी रिक्तियों का विवरण अपने आधिकारिक पोर्टल rojgaarsangam.up.gov.in पर अपलोड किया है। इच्छुक उम्मीदवार इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और आवेदन कर सकते हैं। इंटरव्यू के लिए चयनित उम्मीदवारों को क्यूआर कोड लिंक्ड एडमिट कार्ड डाउनलोड करना जरूरी होगा। यह डिजिटल व्यवस्था न केवल प्रक्रिया को सरल बनाएगी, बल्कि पारदर्शिता और निष्पक्षता भी सुनिश्चित करेगी।




