दुबई एक शानो-शौकत का शहर है, दुबई को बड़े-बड़े शेखो की धरती कही जाती है, दुबई के शेखों की गाड़ियां भी सोने की होती हैं, लेकिन दुबई के शेखों के बीच भी कई ऐसे भारतीय हैं, जिन्होंने दुबई शेखों के साथ बराबरी करते हुए अपने व्यापारों को दुबई में भी खोला है.
हर साल लाखों की तादाद में प्रवासी जो की भारतीय राष्ट्रीयता के होते हैं वह अमीरात काम के सिलसिले से जाते हैं, इनमे से कई प्रवासी इतनी मेहनत करते हैं की वह अमीरात में एक नया मुकाम हाशिल कर के अमीरात में ही व्यापार खोल लेते है.
अमीरात में हैं भारतीयों के सबसे ज्यादा रेस्तरां
अमीरात के दुबई में 6,802 रेस्तरां और कैफे हैं, जहां अमीरात के 30 लाख निवासी आते हैं और अपने जश्नों को मनाते हैं. इन रेस्तरां को कई निवासियों ने अपने सालाना पैकेज के रूप में भी लिया है.
दुबई के डिपार्टमेंट ऑफ़ इकॉनोमिक डेवलपमेंट्स के मुताबिक दुबई में इंडियन, पाकिस्तानी और मिस्र के लोगों के सबसे ज्यादा रेस्तरां हैं, जिनमे भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है.
भारतियों के बाद इन देशों का है नंबर
भारतीय, मिस्र और पाकिस्तानियों के बाद ब्रिटिश,लेबनानी,कुवैती,जॉर्डन,और अमेरिका और सऊदी अरब के व्यापारियों के सबसे ज्यादा होटल दुबई में हैं.
दुबई में रेस्तरां और कॉफी शॉप के क्षेत्रों में तेजी से वृद्धि हुई है,लगभग एक-तिहाई – 2,265 – रेस्तरां छह क्षेत्रों में स्थित हैं, जिनमें नई दुबई, बुर्ज खलीफा और अल करमा क्षेत्र शामिल हैं. नई दुबई में 646 रेस्तरां और कैफे हैं, इसके बाद बुर्ज खलीफा (433), अल करामा (274), अयाल नासिर (258), अल बारशा 1 (246), जुमेरा 1 (246) और अल मुराकबाट (162) हैं.
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केएपीएमजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात के निवासी लंच और डिनर पर हर दिन Dh50 and Dh150 खर्च करते हैं.