सुरक्षा सूत्रों ने कुवैत के आंतरिक मंत्रालय को यह पुख्ता सबूत दिया की भारत और फिलीपींस 340 कामगारों को अपने देश में लेने से मना कर दिया हैं. यह सब नागरिक कुवैत के निर्वासन जेल में थे जो किसी न किसी तरह से कुवैत के क़ानूनों का उल्लाघन किया हैं.
इन कामगारों को बाहर निकाल कर उनके देश भारत और फिलीपींस भेजा तो भारत और फिलीपीन ने अपने लोगों को अपनाने से मना कर दिया. दोनों देशों ने साफ तौर पर कहा कि किसी भी निर्वासित नागरिक को भारत में आने से पहले उसका हेल्थ सर्टिफिकेट होना जरूरी है क्योंकि वह एक कोरोनावायरस ग्रसित देश से आ रहे हैं.
सूत्रों ने बताया कि 3 फ्लाइट के द्वारा यह काम कर नागरिक भेजे जाने वाले थे जिसमें दो भारत और तीसरी फ्लाइट सिलिपिन की राजधानी मनीला के लिए जाने वाली थी. लेकिन यह सारे ट्रिप को कैंसिल कर दिया गया है क्योंकि कुवैत प्राधिकरण को दोनों देशों से यह रिक्वेस्ट हुई कि वह इन कामगारों के हेल्थ सर्टिफिकेट के बिना देश में अभी जगह नहीं दे पाएंगे.
सूत्रों ने यह भी बताया कि दोनों देशों के साथ बातचीत अभी भी चल रही है और आंतरिक और विदेश मंत्रालय के साथ-साथ दोनों देशों के दूतावास लगातार इस पर कार्य कर रहे हैं ताकि इस गजल निदान निकाला जा सके.
अगर कुवैत में लागू किए गए कोरोनावायरस से बचाव हेतु रेसिडेंट नियमों का उल्लंघन कोई भी कामगार करता है तो उसे बिना अन्य लिखा पढ़ी के निर्वासन जेल डाल दिया जाएगा और उसे देश से निकालने की कवायद शुरू कर दी जाएगी. इसमें मुख्य रूप से मना किए गए वक्त पर घर से बाहर निकलना जैसे कार्य शामिल हैं.
एक बार यह हेल्थ सर्टिफिकेट का कार्य पूरा हो जाए उसके उपरांत निर्वासन जेल में डाले गए कामगारों को उनके देश भेज दिया जाएगा जिसमें मुख्य रूप से भारतीय कामगार हैं और एक फ्लाइट फिलीपीन के कामगारों के लिए रिजर्व रखी गई जल्द ही इसके TIME TABLE जारी किए जाएँगे.GulfHindi.com
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