दक्षिण अफ्रीका (South Africa), हॉन्गकॉन्ग (Hong Kong) और बोत्सवाना (Botswana) में कोविड-19 (Covid-19) का नया वेरिएंट मिलने के बाद भारत सरकार भी अलर्ट है. केंद्र ने गुरुवार को राज्य सरकारों को इन देशों से आने वाले यात्रियों की सख्त जांच के आदेश दिए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का भी कहना है कि इस वेरिएंट पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. साथ ही संगठन इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न या इंटरेस्ट में शामिल करने को लेकर शुक्रवार को बड़ी बैठक करने जा रहा है. इससे पहले WHO यूरोप में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर चिंता जता चुका है.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को पत्र भेजा है. इसमें कहा गया है, ‘NCDC की तरफ से यह बताया गया है कि कोविड-19 वेरिएंट B.1.1529 के कई मामले बोत्सवाना (3), दक्षिण अफ्रीका (6) और हॉन्गकॉन्ग (1) में दर्ज किए गए हैं. पता चला है कि इस वेरिएंट में बड़ी संख्या में म्यूटेशन्स हैं…’ भूषण ने कहा है कि इन देशों के अलावा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से जारी गाइंडलाइंस में शामिल ‘जोखिम’ वाले देशों के यात्रियों की सख्त जांच और स्क्रीनिंग होना अनिवार्य है.
पत्र में कहा गया है, ‘MoHFW के दिशा निर्देशों के अनुसार, इन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के कॉन्टैक्ट्स को भी बारीकी से ट्रैक और टेस्ट किया जाना चाहिए.’ B.1.1.529 वेरिएंट, पहली बार बोत्सवाना में पाया गया है. जीनोमिक सीक्वेंसिंग में अब तक 10 मामलों की पुष्टि हुई है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस वेरिएंट में ‘काफी बड़ी संख्या’ में म्यूटेशन हैं, जो बीमारी की लहरों का कारण बन सकता है.
इंपीरियल कॉलेज लंदन के विषाणु विज्ञानी डॉ टॉम पीकॉक ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने ट्विटर अकाउंट पर वायरस के नए स्वरूप (बी.1.1.529) का विवरण पोस्ट किया था. उसके बाद वैज्ञानिक इस स्वरूप पर गौर कर रहे हैं. हालांकि ब्रिटेन में इसे चिंता पैदा करने वाले स्वरूप की श्रेणी में अभी औपचारिक रूप से वर्गीकृत नहीं किया गया है.
एनआईसीडी के कार्यवाहक कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर एड्रियन प्यूरेन ने कहा, ‘इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है कि दक्षिण अफ्रीका में एक नए स्वरूप का पता चला है… हालांकि आंकड़े अभी सीमित हैं, हमारे विशेषज्ञ नए स्वरूप को समझने के लिए सभी स्थापित निगरानी प्रणालियों के साथ लगातार काम कर रहे हैं.