बिहार के जमुई जिले में शनिवार की देर रात एक बड़ा रेल हादसा हो गया, जिसने हावड़ा-नई दिल्ली मुख्य रेल मार्ग पर यातायात को बुरी तरह प्रभावित किया है। यहां आसनसोल रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले लाहाबोन और सिमुलतला स्टेशनों के बीच एक मालगाड़ी बेपटरी हो गई। यह घटना 27 दिसंबर 2025 की रात करीब 11:25 बजे घटी, जब मालगाड़ी के आठ डिब्बे अचानक पटरी से उतर गए। गनीमत रही कि इस भीषण दुर्घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन इस वजह से अप और डाउन दोनों लाइनों पर रेल परिचालन पूरी तरह से ठप हो गया है।
सीमेंट से लदी मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतरकर पुल से नीचे नदी की ओर लटके, तेज धमाके के साथ हुआ हादसा
हादसे के वक्त यह मालगाड़ी जसीडीह से झाझा की ओर जा रही थी और इसमें सीमेंट लदा हुआ था। जैसे ही ट्रेन बरुआ नदी पुल के पास किलोमीटर संख्या 344/05 पर पहुंची, अचानक उसके आठ से दस डिब्बे पटरी से उतर गए। अनियंत्रित होकर ये डिब्बे पुल से नीचे नदी की ओर गिर गए और लटक गए। टक्कर इतनी जोरदार थी कि आसपास के इलाके में तेज धमाके की आवाज सुनाई दी। हादसे की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रेल की पटरियां और स्लीपर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे ट्रैक पूरी तरह उखड़ गया है।
किउल-जसीडीह रेलखंड पर यातायात पूरी तरह बाधित, कई महत्वपूर्ण यात्री ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर फंसीं
इस दुर्घटना का व्यापक असर रेल यातायात पर पड़ा है। किउल-जसीडीह रेलखंड पर अप और डाउन दोनों दिशाओं में ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई है। रूट बाधित होने के कारण कई लंबी दूरी की यात्री गाड़ियां और एक्सप्रेस ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी हो गई हैं। अचानक यात्रा के बीच में ट्रेनों के रुक जाने से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यात्री स्टेशनों पर ही फंसे हुए हैं और परिचालन शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। इसके साथ ही, इस रूट से गुजरने वाली अन्य मालगाड़ियों का संचालन भी पूरी तरह ठप हो गया है।
आसनसोल और झाझा से पहुंचीं राहत बचाव टीमें, युद्ध स्तर पर जारी है ट्रैक को दुरुस्त करने का काम
दुर्घटना की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। आसनसोल, मधुपुर और झाझा से एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन (ART) और तकनीकी टीमों को फौरन घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ आरपीएफ और स्थानीय पुलिस बल भी मौके पर मुस्तैद है। फिलहाल राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है। क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटाने और ट्रैक को दोबारा बनाने का काम तेजी से चल रहा है। पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि जल्द से जल्द ट्रैक की मरम्मत कर यातायात को बहाल कर दिया जाएगा।




