बिहार राज्य के विकास में एक नया अध्याय शुरू होने वाला है। राज्य का पहला एक्सप्रेसवे जल्द ही बनकर तैयार होगा, जो यात्रा, व्यापार और आर्थिक प्रगति को एक नई गति देगा। यह महत्वाकांक्षी परियोजना कई ज़िलों को जोड़ेगी और लोगों के लिए सफ़र करना बहुत आसान और तेज़ बना देगी। आइए जानते हैं इस एक्सप्रेसवे के बारे में कुछ और अहम बातें:
एक्सप्रेसवे का रास्ता
यह ग्रीनफ़ील्ड एक्सप्रेसवे औरंगाबाद ज़िले के अमस से शुरू होकर दरभंगा ज़िले के नवादा गांव तक जाएगा। बीच में यह अरवल, जहानाबाद, पटना, वैशाली और समस्तीपुर ज़िलों से होकर गुज़रेगा। कुल मिलाकर एक्सप्रेसवे की लंबाई लगभग 189 किलोमीटर होगी।
क्यों खास है यह एक्सप्रेसवे?
- तेज़ यात्रा: इस छह-लेन वाले एक्सप्रेसवे पर गाड़ियां काफ़ी तेज़ गति से चल सकेंगी जिससे एक ज़िले से दूसरे ज़िले जाने का समय बहुत कम हो जाएगा।
- आसान सफ़र: एक्सप्रेसवे के बनने से सड़क का सफ़र और भी आरामदायक हो जाएगा। बेहतर सड़कें व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देंगी।
- विकास को बढ़ावा: एक्सप्रेसवे के आसपास के इलाकों में तेज़ी से विकास होने की संभावना है, जिससे वहां रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे।
- अत्याधुनिक सुविधाएं: एक्सप्रेसवे पर आधुनिक सुविधाएं होंगी जैसे रेस्ट एरिया, ट्रॉमा सेंटर, इत्यादि। इससे यात्रियों को सफर के दौरान अधिक सुविधा मिलेगी।
प्रोजेक्ट की जानकारी
- इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का काम नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (NHAI) द्वारा किया जाएगा।
- ज़मीन अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो चुका है।
- प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत लगभग ₹13,500 करोड़ है।
- ऐसा माना जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में लगभग 2 साल लगेंगे।
बिहार के लिए महत्व
बिहार का पहला एक्सप्रेसवे राज्य के विकास में एक क्रांतिकारी कदम है। यह न सिर्फ परिवहन को सुगम करेगा बल्कि आसपास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास में भी बड़ा योगदान देगा। एक्सप्रेसवे के बनने से बिहार का जुड़ाव देश के दूसरे हिस्सों से और भी बेहतर हो जाएगा।