ऑनलाइन प्रोडक्ट पर रिव्यू सच है या झूठ?
कोई भी प्रोडक्ट खरीदने से पहले लोग उसके रिव्यू जरूर चेक करते हैं। लेकिन लोग वास्तव में यह नहीं जानते कि वह रिव्यू सही है या नहीं। इस बाबत ग्राहकों की मदद के लिए अपनाया नियम लागू होने वाला है। E-commerce companies को इस बात की पुष्टि करनी होगी और ध्यान रखना होगा कि प्रोडक्ट पर दिया गया रिव्यू सही है।
आज से लागू हुए नियम
बताते चलें कि फेक रिव्यू चेक करने के लिए Bureau of Indian Standards (BIS) की तरफ से दिए गए गाइडलाइन आज November 25 से लागू होने वाले हैं। 21 नवंबर, सोमवार, Department of Consumer Affairs Secretary Rohit Kumar Singh ने इसके लिए रूपरेखा लॉन्च किया था जो उन सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए लागू होगा जिन पर ग्राहकों के रिव्यू होते हैं।
The Ministry of Consumer Affairs, Food & Public Distribution ने कहा है कि इससे प्रोडक्ट के क्वालिटी की सत्यता की अच्छी जानकारी मिल पाएगी। जो भी ग्राहक प्रोडक्ट पर अपना रिव्यू देगा उसे नियम और शर्तों को मानना होगा।
कंपनियां पैसे देकर रिव्यू लिखवाती हैं
कई बार ऐसा होता है कि कंपनियां पैसे देकर रिव्यू लिखवाती हैं। इस तरह की रिव्यू की जानकारी ग्राहकों को देनी होगी और उन्हें बताना होगा कि यह पेड रिव्यू है। रिव्यू कब, किससे और क्यों करवाया गया यह सब जानकारी देनी होगी।
रिव्यू के आधार पर ही होती है ऑनलाइन शॉपिंग
ऑनलाइन सामान खरीदने रिव्यू इसलिए मायने रखता है क्योंकि ग्राहक सामने से चीजों को नहीं देखता है और ना ही उसे छूकर देख सकता है। ऐसे ही बस उसका है कि जो लोग इस प्रोडक्ट को अपने पास पहले ही मंगा चुके हैं उनके रिव्यू देखकर इसे खरीदना सही रहेगा। Online business में ऐसा ही होता है ग्राहक ज्यादातर ऑनलाइन रिव्यू के आधार पर ही शॉपिंग करते हैं।