कार का सबसे अहम हिस्सा होता है अब जब भी कार के टायर को देखते हैं तो ब्रांडिंग और मॉडल का नाम बोल्ड लेटर दर्ज होता है। इन पर कुछ नंबर भी लिखे हुए हैं आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर ये नंबर कहते क्या है और इसके पीछे का कारण क्या है।
कार के टायरों पर नंबर
आपको बता दे की टायर के पहले तीन नंबर टायर की चौड़ाई को दर्शाते हैं। विभिन्न कारे मॉडल के आधार पर विभिन्न चौड़ाई के टायरों का इस्तेमाल करती है बड़े इंजन डिस्प्ले वाली हाई-एंड कारें चौड़े टैरो को इस्तेमाल करती है। ताकि टायर सही तरीके से सड़को अधिक संपर्क बना सके। चौड़े टायर अच्छे दिखते हैं लेकिन यह ध्यान में रखना होगा कि टायर जितना बड़ा होता है उतना ही गाड़ी की परफॉर्मेंस प्रभावित होती है। यह सीधे परफॉर्मेंस और हैंडलिंग को प्रभावित करते हैं।
टायरों की ऊंचाई
प्रतिशत के संदर्भ में टायर की ऊंचाई को दर्शाते हैं आमतौर पर ज्यादातर कारों में कम प्रोफाइल या ऊंचाई होती है जब कि एसयूवी कि उस प्रोफाइल होती है इसके बाद आने वाला अक्षर टायर के निर्माण को दर्शाता है।
- आपको बता दें कि सभी आधुनिक कारें रेडियल टायर पर चलती है। इसलिए R सामान्य है।
- वही बायस बेल्ट के लिए B और Diagonal के लिए D का इस्तेमाल किया जाता है
- लेकिन यह पुरानी कारों के लिए है नए टायरों में ‘R’ के बाद रिम का आकार या टायर का डायमीटर आता है, जिसे अंदर से मापा जाता है।
- उदाहरण के लिए अगर 15 लिखा गया है तो मतलब है कि पहिया 15 इंच के रिम में फिट बैठता है।
टायर का भार
दो अंक टायर की भार क्षमता को दर्शाते हैं। यह टायर अधिकतम भार ले जाने के लिए हैं, और इस मामले में, 89 को 580 किग्रा ले जाने के लिए रेट किया गया है। इसके बाद एक अक्षर होता है, जो उस गति को दर्शाता है जिसके लिए टायर को रेट किया गया है। रेटिंग ‘T’ है, जो अधिकतम 190 किमी प्रति घंटे की स्पीड के लिए है।