आजकल बैंक में ज्यादा कैश जमा करने पर सरकार की नजर रहनी शुरू हो गई है। अगर आप या आपके परिवार के लोग भी सेविंग अकाउंट (बचत खाता) में ज्यादा नकद पैसा जमा करते हैं, तो ये ब्लॉग पोस्ट आपके लिए है।
यहां हम आसान भाषा में बताएंगे कि कितना पैसा जमा करने पर टैक्स की परेशानी आ सकती है और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
✅ 1. सेविंग अकाउंट में कैश जमा करने की सीमा
अगर आप एक साल में ₹10 लाख से ज्यादा कैश सेविंग अकाउंट में जमा करते हैं, तो बैंक उस जानकारी को इनकम टैक्स विभाग को भेज देता है।
यह जरूरी नहीं कि आपको टैक्स देना ही पड़े, लेकिन अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भरते हैं या आपकी आमदनी नहीं दिखती, तो विभाग पूछताछ कर सकता है।
🧾 करंट अकाउंट में यह सीमा ₹50 लाख है।

✅ 2. बैंक से ज्यादा कैश निकालने पर टैक्स (TDS) – सेक्शन 194N
अगर आप बैंक से ज्यादा कैश निकालते हैं, तो बैंक कुछ टैक्स काट लेता है जिसे TDS (Tax Deducted at Source) कहते हैं।
| आपने ITR भरा या नहीं? | साल में निकासी राशि | TDS कितना कटेगा? |
|---|---|---|
| ITR भरा है | ₹1 करोड़ से ज्यादा | 2% |
| ITR नहीं भरा | ₹20 लाख से ज्यादा | 2% |
| ITR नहीं भरा | ₹1 करोड़ से ज्यादा | 5% |
👉 इस TDS को आप बाद में ITR में दिखाकर वापस ले सकते हैं।
✅ 3. कैश में ₹2 लाख से ज्यादा लेन-देन – सेक्शन 269ST
अगर कोई व्यक्ति आपसे एक बार में या एक दिन में ₹2 लाख से ज्यादा कैश लेता है, तो ये नियम तोड़ने पर 100% जुर्माना लग सकता है।
उदाहरण: आपने किसी को शादी में ₹2.5 लाख कैश गिफ्ट दिया – यह गलत है। ऐसे में जुर्माना पूरा ₹2.5 लाख हो सकता है।
✅ 4. ₹20,000 से ज्यादा कैश में उधार लेना-देना – सेक्शन 269SS और 269T
अगर आप किसी से ₹20,000 से ज्यादा कैश में उधार लेते या चुकाते हैं, तो ये नियम भी तोड़ने पर जुर्माना लग सकता है।
✅ 5. बिज़नेस करने वालों के लिए – ध्यान रखें
अगर आप व्यापार करते हैं और कैश में पैसा जमा कर रहे हैं, तो वो आपके टर्नओवर से मेल खाना चाहिए। वरना सेक्शन 68 के तहत आपसे पूछताछ हो सकती है और जुर्माना मिलाकर लगभग 84% टैक्स तक देना पड़ सकता है।
📊 सभी लिमिट्स और टैक्स नियम – एक नजर में
| लेन-देन का प्रकार | सीमा/नियम |
|---|---|
| सेविंग अकाउंट में सालाना कैश जमा | ₹10 लाख |
| करंट अकाउंट में कैश जमा | ₹50 लाख |
| एक बार में कैश लेन-देन | ₹2 लाख तक ही |
| कैश में उधार लेना/देना | ₹20,000 से ज्यादा नहीं |
| बैंक से सालाना कैश निकासी (ITR भरा है) | ₹1 करोड़ से ऊपर – 2% TDS |
| बैंक से सालाना कैश निकासी (ITR नहीं भरा) | ₹20 लाख–1 करोड़: 2%, ₹1 करोड़+: 5% |
| कैश में गिफ्ट टैक्स फ्री | ₹50,000 तक (गैर-रिश्तेदार से), रिश्तेदार से कोई लिमिट नहीं |
| कैश से क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट | ₹25,000–₹50,000 (बैंक लिमिट पर निर्भर) |
| प्रॉपर्टी खरीद में कैश पेमेंट | ₹20,000 से ज्यादा नहीं |
| टैक्स बचत FD | ₹1.5 लाख तक सालाना छूट (80C) |





