अगर आप विदेश में पढ़ाई, इलाज या घूमने के लिए पैसे भेजते हैं या डॉलर खरीदते हैं, तो आपके लिए एक जरूरी खबर है। भारत सरकार ने LRS (Liberalised Remittance Scheme) के तहत विदेश भेजी जाने वाली रकम पर TCS (Tax Collected at Source) की दरों में बदलाव किया है। यह नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे।
नए नियम PAN के आधार पर तय होंगे
अब TCS की दरें इस बात पर भी निर्भर करेंगी कि आपका PAN कार्ड एक्टिव है या इनऑपरेटिव (अक्रिय)।
👇 नई TCS दरें इस प्रकार हैं:
| उद्देश्य | एक्टिव PAN पर TCS | इनऑपरेटिव PAN पर TCS |
|---|---|---|
| मान्यता प्राप्त लोन से विदेश में पढ़ाई | NIL | NIL |
| विदेश में पढ़ाई (लोन के बिना) या इलाज | ₹10 लाख तक: NIL ₹10 लाख से ऊपर: 5% |
₹10 लाख तक: NIL ₹10 लाख से ऊपर: 10% |
| बाकी सभी उद्देश्य जैसे ट्रैवल, गिफ्ट, निवेश | ₹10 लाख तक: NIL ₹10 लाख से ऊपर: 20% |
₹10 लाख तक: NIL ₹10 लाख से ऊपर: 20% |

ध्यान देने योग्य बातें:
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₹10 लाख की सीमा एक वित्तीय वर्ष में PAN पर आधारित होती है, चाहे आप कितने भी बैंक या माध्यम का उपयोग करें।
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अगर आप हवाई टिकट या होटल बुकिंग जैसे खर्च HDFC Bank या किसी अन्य बैंक से करते हैं, तो वो तीसरी कैटेगरी में आएगा और उसी हिसाब से TCS लिया जाएगा।
इनऑपरेटिव PAN क्या होता है?
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अगर आपका PAN 1 जुलाई 2017 से पहले जारी हुआ है और आप आधार लिंक कराने के पात्र थे, तो आपको 31 मार्च 2022 से पहले आधार से लिंक कराना था।
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ऐसा न करने पर आपका PAN इनऑपरेटिव माना जाएगा और उस पर ज्यादा TCS लगेगा।





