सीसीआई ने विस्तारा और एयर इंडिया के विलय को दी हरी झंडी
मुख्य बिंदुएँ
- सीसीआई ने विस्तारा और एयर इंडिया के विलय को शुक्रवार को मंजूरी दी
- टाटा संस के पास अब एयर इंडिया में 74.9% हिस्सेदारी होगी
- विलय के बाद एयर इंडिया देश की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन बन सकती है
विलय की मंजूरी
सीसीआई (भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग) ने विस्तारा और एयर इंडिया के विलय को कुछ शर्तों के तहत मंजूरी दे दी है। इसके बाद, एयर इंडिया देश की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन बन सकती है। घरेलू सेक्टर में यह इंडिगो के बाद दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन होगी।
सीसीआई की शर्तें
सीसीआई ने टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) के एयर इंडिया में हिस्सेदारी को भी मंजूरी दी है। टाटा ग्रुप की ओर से कहा गया है कि विलय की पूरी जानकारी जल्द ही जारी की जाएगी।
वित्तीय पहलू
सिंगापुर एयरलाइंस एयर इंडिया में 25.1% हिस्सेदारी के लिए 2,059 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके बाद, टाटा संस के पास एयर इंडिया में 74.9% हिस्सेदारी हो जाएगी।
आगामी दिशा
इस विलय से एयर इंडिया के आकार, क्वालिटी और ग्लोबल नेटवर्क में सुधार की उम्मीद है। आने वाले दिनों में, टाटा समूह की एयरलाइंस को वैश्विक स्तर पर 50% हिस्सेदारी मिल सकती है।
महत्वपूर्ण जानकारी:
प्रकटीकरण | विवरण |
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मंजूरी की तारीख | 1 सितंबर, 2023 |
हिस्सेदारी | टाटा संस: 74.9%, SIA: 25.1% |
निवेश | SIA: ₹2,059 करोड़ |
आने वाली पोजीशन | देश की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन |
विलय की उम्मीद | मार्च 2024 |
इस विलय से भारतीय एविएशन उद्योग में एक नया अध्याय शुरू होगा और टाटा समूह का एविएशन में और भी मजबूती से कदम बढ़ाने की संभावना है।