सरकार ने शुक्रवार को कहा कि डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिये विदेशों में एक वित्त वर्ष में सात लाख रुपये तक के खर्च पर ‘स्रोत पर कर संग्रह’ (टीसीएस) नहीं कटेगा।
विभिन्न तबकों की आलोचनाओं के बीच वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस कदम का उद्देश्य रिजर्व बैंक की उदारीकृत धनप्रेषण योजना (एलआरएस) और टीसीएस के संबंध में प्रक्रिया संबंधी अस्पष्टता को दूर करना है।
मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरूआत में अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के जरिये होने वाले खर्च को एलआरएस के दायरे में लाने का निर्णय किया था। इसके परिणामस्वरूप उस पर 20 प्रतिशत टीसीएस लगाया गया था। इसको लेकर विशेषज्ञों और संबंधित पक्षों ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी थी।
मंत्रालय ने कहा, ”प्रक्रिया संबंधी अस्पष्टता दूर करने के मकसद से यह निर्णय लिया गया है कि अंतरराष्ट्रीय डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिये विदेशों में एक वित्त वर्ष में सात लाख रुपये तक के खर्च को उदारीकृत धन प्रेषण योजना से बाहर रखा जाएगा और उस पर टीसीएस नहीं कटेगा।”
फिलहाल विदेशों में इलाज और पढ़ाई पर होने वाले सात लाख रुपये तक के खर्च पर टीसीएस नहीं कटता। ऐसे खर्च पर टीसीएस पांच प्रतिशत की दर से कटता है। मंत्रालय ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधित भुगतान के लिये टीसीएस से जुड़ी मौजूदा सुविधा जारी रहेगी।