दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को लेकर सरकार ने एक ऐतिहासिक और बड़ा फैसला लिया है। अब राजधानी की सड़कों पर दौड़ रही अलग-अलग रंगों और एजेंसियों वाली बसों का संचालन एक ही छत के नीचे आ जाएगा। दिल्ली कैबिनेट ने बस सेवाओं के संचालन में बड़े बदलाव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत क्लस्टर (DIMTS) बसों की जिम्मेदारी अब पूरी तरह से दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के पास होगी। इस फैसले से दिल्ली की पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में एकरूपता आने की उम्मीद है।
1 अप्रैल 2026 से डीटीसी के हाथ में होगी पूरी कमान, यात्रियों को मिलेगी बेहतर और सुरक्षित सुविधा
वर्तमान में दिल्ली में बसों का संचालन दो अलग-अलग एजेंसियों—डीटीसी और डिम्टस (DIMTS) द्वारा किया जाता है। लेकिन नई व्यवस्था के तहत डिम्टस द्वारा संचालित नारंगी बसों (क्लस्टर बसें) का जिम्मा भी अब डीटीसी को सौंप दिया जाएगा। यह नई व्यवस्था अगले वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल, 2026 से पूरी तरह से लागू हो जाएगी। सरकार का मानना है कि इससे बस सेवाओं की गुणवत्ता (Quality) में सुधार होगा, ड्राइवरों और कंडक्टरों की नौकरी में स्थिरता आएगी और प्रबंधन एक ही एजेंसी के पास होने से यात्रियों का सफर अधिक सुरक्षित और सुगम बनेगा। अब चरणबद्ध तरीके से क्लस्टर बसों को डीटीसी में मर्ज किया जाएगा।
ग्रैप की पाबंदियां हटने के बाद भी पेट्रोल पंपों पर लागू रहेगा ‘नो पीयूसी-नो फ्यूल’ का सख्त नियम
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सख्ती दिखाते हुए स्पष्ट किया है कि ‘नो पीयूसी – नो फ्यूल’ (No PUC – No Fuel) का नियम अब केवल अस्थायी उपाय नहीं रहेगा। सरकार ने निर्णय लिया है कि ग्रैप (GRAP) की पाबंदियां हटने के बाद भी पेट्रोल पंपों पर बिना वैध प्रदूषण प्रमाणपत्र (PUC) के ईंधन नहीं दिया जाएगा। इसे अब स्थायी रूप से लागू किए जाने की योजना है। इसके अलावा, प्रदूषण जांच में लापरवाही बरतने वाले 12 पीयूसी केंद्रों में गड़बड़ियां पाई गई हैं, जिनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लैकलिस्ट करने का आदेश दिया गया है।
होलंबी कलां में बनेगा दिल्ली का पहला ‘ई-वेस्ट इको पार्क’, इलेक्ट्रॉनिक कचरे का होगा वैज्ञानिक निपटान
तकनीक के इस दौर में बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक कचरे से निपटने के लिए दिल्ली को अपना पहला ‘ई-वेस्ट इको पार्क’ मिलने जा रहा है। कैबिनेट ने होलंबी कलां में करीब 11.5 एकड़ जमीन पर इस पार्क को बनाने की मंजूरी दे दी है। यहाँ ई-कचरे का निपटान पूरी तरह से वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा, जिससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। इस परियोजना से न केवल कचरा प्रबंधन में मदद मिलेगी, बल्कि ‘हरित रोजगार’ (Green Jobs) के नए अवसर भी पैदा होंगे।
जल संकट से निपटने और जल निकायों को पुनर्जीवित करने के लिए 100 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी
पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जल संरक्षण पर भी सरकार ने अहम कदम उठाया है। दिल्ली के सूख रहे या खराब हालत में पड़े जल निकायों (Water bodies) को फिर से जीवित करने के लिए कैबिनेट ने 100 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। इस फंड का उपयोग तालाबों और झीलों के सुंदरीकरण और उनके जल स्तर को सुधारने में किया जाएगा, जिससे भूजल स्तर में भी सुधार की उम्मीद है।





