चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव की बयार बह रही है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने नियमों को और अधिक लचीला बनाते हुए मेडिकल कॉलेज खोलने की राह आसान कर दी है। इसके तहत अब अगले शैक्षणिक सत्र (2026-27) से नए मेडिकल कॉलेज शुरू करने की प्रक्रिया के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं और इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य देश में चिकित्सा शिक्षा के ढांचे का विस्तार करना और नए संस्थानों को अवसर देना है।
अगर संस्था के पास खुद का अस्पताल नहीं है तो भी चिंता की बात नहीं, 30 साल की लीज पर अस्पताल लेकर शुरू कर सकेंगे मेडिकल कॉलेज
जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों में सबसे बड़ी राहत बुनियादी ढांचे को लेकर दी गई है। नए नियमों के मुताबिक, यदि किसी संस्था के पास मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए अपना खुद का अस्पताल उपलब्ध नहीं है, तो अब यह बाधा नहीं बनेगा। संस्थाएं किसी अन्य अस्पताल को 30 साल के लिए लीज (पट्टे) पर लेकर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए आवेदन कर सकती हैं। हालांकि, इसमें गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एक अनिवार्य शर्त यह रखी गई है कि मेडिकल कॉलेज और लीज पर लिए गए अस्पताल में कार्यरत चिकित्सा शिक्षक (फैैकल्टी) एक ही होने चाहिए। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि छात्रों की पढ़ाई और मरीजों के इलाज के बीच सही तालमेल और जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके।
सीटों की संख्या को लेकर आयोग ने बदला नियम, अब नए कॉलेजों को अधिकतम 150 सीटों के लिए ही मिल सकेगी मंजूरी
बुनियादी ढांचे में ढील देने के साथ ही आयोग ने शिक्षा की गुणवत्ता पर नियंत्रण रखने के लिए सीटों की संख्या पर एक महत्वपूर्ण सीमा (कैप) लगा दी है। नए मेडिकल कॉलेजों को अब एमबीबीएस के लिए अधिकतम 150 सीटों की ही मंजूरी दी जाएगी। यह एक बड़ा नीतिगत बदलाव है, क्योंकि इससे पहले मेडिकल कॉलेजों को अधिकतम 250 सीटों तक की अनुमति मिल जाती थी। अब 250 सीटों वाली व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। इस निर्णय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों की संख्या संसाधनों के अनुपात में हो, जिससे उन्हें बेहतर प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और संसाधन मिल सकें।
मेडिकल शिक्षा के मामले में भारत का दुनिया में दबदबा, देश में मौजूद हैं रिकॉर्ड 819 मेडिकल कॉलेज और सवा लाख से ज्यादा सीटें
देश में चिकित्सा शिक्षा का विस्तार बहुत तेजी से हुआ है। मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो भारत में इस समय कुल 819 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं, जो कि वैश्विक स्तर पर एक रिकॉर्ड है और यह संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है। इन कॉलेजों के माध्यम से देश भर में कुल मिलाकर 1.29 लाख एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं। नियमों में हुए इन नए और लचीले बदलावों से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में देश के दूर-दराज के इलाकों में भी मेडिकल कॉलेज खुलने के रास्ते खुलेंगे और चिकित्सा शिक्षा तक छात्रों की पहुंच और आसान होगी।





