दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का पांचवां चरण, जो कनेक्टिविटी के लिहाज से महत्वपूर्ण है, 2024 में बनकर तैयार होगा। यह जानकारी एनएचएआई ने दी है।
यह चरण क्यों महत्वपूर्ण है?
- यह चरण मेरठ में हापुड़ रोड, मेरठ की रिंग रोड और मेरठ से उत्तराखंड जाने वाले नेशनल हाईवे को जोड़ता है।
- इसके बनने से बिजनौर, दिल्ली और उत्तराखंड के बीच यात्रा आसान और सुविधाजनक हो जाएगी।
- मेरठ के लोगों को भी इस प्रोजेक्ट का काफी फायदा होगा।
क्या है इस चरण की खासियत?
- यह चरण 14.60 किलोमीटर लंबा है।
- इसमें 4 लेन होंगी, जिनमें दो लेन प्रत्येक दिशा में होंगी।
- इस चरण में 6 फ्लाईओवर, 2 अंडरपास और 2 रैंप होंगे।
क्या हुआ था काम रुका?
- बीते वर्ष अप्रैल में एक्सप्रेसवे का काम रुका था।
- निर्माण एजेंसी और एनएचएआई के बीच कुछ मुद्दों को लेकर विवाद था।
क्या है नई समय सीमा?
- एनएचएआई ने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए नौ से 10 महीने का अतिरिक्त समय दिया है।
- इस हिसाब से 2024 के अंत तक एक्सप्रेसवे बनकर तैयार होगा।
क्या है प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति?
- मौजूदा समय में 23 प्रतिशत काम हुआ है।
- एनएचएआई हर महीने प्रोजेक्ट की समीक्षा करेगा।
- साइट इंजीनियरों को भी प्रतिदिन के कार्य पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
यह एक महत्वपूर्ण खबर है, खासकर उन लोगों के लिए जो दिल्ली, मेरठ और उत्तराखंड के बीच यात्रा करते हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे 14 लेन का है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली से मेरठ की दूरी को 45 मिनट तक कम कर देगा। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-एनसीआर के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक गलियारा होगा।