यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-22 में ओलंपिक सिटी एवं ओलंपिक विलेज विकसित किया जाएगा। इसके लिए मास्टर प्लान – 2041 में 442 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है। ओलंपिक सिटी में विभिन्न खेलों के 29 स्टेडियम बनाए जाएंगे। मास्टर प्लान पर सरकार की मुहर के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
यमुना प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2041 को बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।
मास्टर प्लान में कुछ नई चीज प्रस्तावित की गई हैं। इसमें ओलंपिक सिटी और ओलंपिक विलेज शामिल हैं। यमुना प्राधिकरण के अफसरों का मानना है कि भविष्य में भारत को ओलंपिक की मेजबानी मिलेगी। ऐसे में एक जगह ओलंपिक के खेलों के स्टेडियम होने जरूरी हैं। इसके अलावा खेल गतिविधियों के विकसित होने से यमुना प्राधिकरण में रहने वाले लोगों और आसपास के निवासियों को फायदा मिलेगा।
दिल्ली में स्टेडियम तो हैं, लेकिन वे एक जगह पर नहीं हैं। यहां पर एक जगह पर ही इन गतिविधियों को विकसित किया जाएगा। इसको ध्यान में रखते हुए ओलंपिक सिटी और ओलंपिक विलेज का प्रावधान किया गया है। यमुना प्राधिकरण ने ओलंपिक विलेज और ओलंपिक सिटी के लिए सेक्टर 22 को आरक्षित किया है। इस सेक्टर में 442 हेक्टेयर में दोनों परियोजनाओं को विकसित किया जाएगा।
एक छत के नीचे सारी सुविधाएं मिलेंगी
ओलंपिक सिटी 390 हेक्टेयर में विकसित की जाएगी। ओलंपिक में जो खेल शामिल हैं, उनके स्टेडियम बनाए जाएंगे। ओलंपिक के मानकों पर ही इनका निर्माण किया जाएगा ताकि भविष्य में इनका उपयोग ओलंपिक जैसी गतिविधि खेलों के लिए किया जा सके। यहां पर 29 स्टेडियम बनाए जाएंगे। ओलंपिक सिटी में स्पोर्ट्स क्लब, कोचिंग सेंटर, कन्वेंशन सेंटर, थीम पार्क, मॉल, प्लाजा, थीम पार्क आदि विकसित किए जाएंगे ताकि खिलाड़ियों को एक छत के नीचे सारी जगह सारी सुविधाएं मिल सकें।
पांच हजार घर बनेंगे
अगर ओलंपिक जैसा बड़ा आयोजन होता है तो उसमें आने वाले खिलाड़ियों के रहने के लिए भी इंतजाम होना चाहिए। इसको ध्यान में रखकर विकसित किया जाएगा। ओलंपिक विलेज 52 हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा। इसमें 5000 घर बनाए जाएंगे ताकि यहां आने वाले खिलाड़ी रह सकें। GG मास्टर प्लान 2041 में ओलंपिक सिटी और विलेज का प्रावधान किया गया है। मास्टर प्लान सरकार को भेजा जा रहा है। सरकार की मुहर के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण