राजधानी दिल्ली में व्यावसायिक वाहन (कमर्शियल व्हीकल) चलाने वालों के लिए एक बेहद राहत भरी खबर सामने आई है। अब उन्हें अपनी गाड़ियों की फिटनेस जांच के लिए लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा और न ही एनसीआर के दूसरे शहरों के चक्कर काटने पड़ेंगे। दिल्ली के नंदनगरी डीपी डिपो परिसर में एक नया और अत्याधुनिक ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर बनकर लगभग तैयार हो गया है। इस सेंटर के शुरू होते ही ड्राइवरों और वाहन मालिकों को बड़ी सहूलियत मिलेगी।
अब घंटों का काम मिनटों में निपटेगा, हर साल 72 हजार वाहनों की जांच करने की होगी क्षमता
इस नए सेंटर की सबसे बड़ी खासियत इसकी रफ़्तार और क्षमता है। यहाँ हर साल करीब 72 हजार कमर्शियल वाहनों की फिटनेस जांच की जा सकेगी। फिलहाल यहाँ सिविल वर्क पूरा कर लिया गया है और अत्याधुनिक मशीनें लगाने का काम अंतिम चरण में है। पहले जहाँ झिलमिल स्थित पुराने सेंटर पर मैन्युअल जांच में एक वाहन को 20 से 25 मिनट लगते थे और लंबी कतारों के कारण पूरा दिन निकल जाता था, वहीं इस नई ऑटोमेटेड तकनीक से यह समय घटकर महज 8 से 10 मिनट रह जाएगा। इससे चालकों का कीमती समय बचेगा।
बिना मानवीय दखल के होगी सस्पेंशन, ब्रेक और इंजन सहित 20 पैमानों पर हाई-टेक डिजिटल जांच
यह पूरा सिस्टम ऑटोमेटेड तकनीक पर आधारित होगा, जिसका मतलब है कि जांच की प्रक्रिया में किसी भी तरह का मानवीय हस्तक्षेप (Human Intervention) नहीं होगा। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और रिपोर्ट पूरी तरह निष्पक्ष होगी। सेंटर पर वाहनों के सस्पेंशन, ब्रेक, टायर, स्टीयरिंग, इंजन से आने वाली आवाज, हेडलाइट फोकस और एग्जॉस्ट से निकलने वाले धुएं समेत लगभग 20 अलग-अलग पैमानों पर गाड़ी की सेहत परखी जाएगी। सारा डेटा डिजिटल तरीके से रिकॉर्ड होगा, जिससे जांच के परिणाम पूरी तरह सटीक प्राप्त होंगे।
सड़क सुरक्षा होगी मजबूत और गाज़ियाबाद-नोएडा जैसे पड़ोसी शहरों पर निर्भरता होगी पूरी तरह खत्म
इस पहल से न केवल वाहन मालिकों की जेब पर बोझ कम होगा, बल्कि सड़क सुरक्षा भी पहले से कहीं ज्यादा बेहतर होगी। ऑटोमेटेड जांच से तकनीकी रूप से कमजोर, ओवरलोडेड और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की पहचान तुरंत और सही तरीके से हो सकेगी। अब तक दिल्ली के वाहन मालिकों को फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए गाज़ियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम या नोएडा का रुख करना पड़ता था, लेकिन नंदनगरी में इस सुविधा के शुरू होने से यह मजबूरी खत्म हो जाएगी और राजधानी के भीतर ही वर्ल्ड क्लास सुविधा उपलब्ध होगी।





