कतर की राजधानी दोहा को 2025 की Multipolitan टैक्स-फ्रेंडली सिटीज़ इंडेक्स में दुनिया का पांचवां सबसे टैक्स-अनुकूल शहर घोषित किया गया है। इसने ज़्यूरिख़, हांगकांग और लंदन जैसे बड़े शहरों को भी पीछे छोड़ दिया है।
यह रैंकिंग टैक्स नीतियों, कानूनी पारदर्शिता और इंटरनेशनल ट्रीटी (अंतरराष्ट्रीय कर संधियों) के आधार पर 164 शहरों का मूल्यांकन करके तैयार की गई।
दोहा को क्या बनाता है टैक्स के मामले में इतना खास?
कोई पर्सनल इनकम टैक्स नहीं
दोहा में न तो वेतन, बोनस, इनहेरिटेंस (विरासत), और न ही कैपिटल गेन (पूंजी लाभ) पर कोई टैक्स लिया जाता है। यह सुविधा देश के नागरिकों और विदेशियों – दोनों को मिलती है।
कॉरपोरेट टैक्स भी बहुत कम
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विदेशी कंपनियों पर सिर्फ 10% टैक्स
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तेल और गैस कंपनियों पर कुछ मामलों में 35%
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स्थानीय और GCC कंपनियों को टैक्स छूट
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जनवरी 2025 से बड़े मल्टीनेशनल्स पर 15% का ग्लोबल मिनिमम टैक्स लागू होगा (OECD समझौते के अनुसार)
80 से ज़्यादा देशों से डबल टैक्सेशन एग्रीमेंट
भारत, यूके, फ्रांस, सिंगापुर जैसे देशों के साथ संधियां – जिससे विदेश में कमाई पर दो बार टैक्स नहीं देना पड़ता।
मजबूत कानूनी व्यवस्था
Qatar Financial Centre और Doha International Court जैसे संस्थान कारोबार और निवेशकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुरक्षा और पारदर्शिता प्रदान करते हैं।
100% विदेशी स्वामित्व की छूट
ज्यादातर सेक्टर्स और फ्री ज़ोन में विदेशी निवेशक पूरी तरह से स्वामित्व ले सकते हैं।
GCC शहरों का दबदबा
इस इंडेक्स में टॉप 20 में 7 खाड़ी देश (GCC) अबू धाबी, दुबई, मनामा, दोहा, कुवैत सिटी, रियाद और मस्कट शामिल है।
दोहा की रैंकिंग क्यों मायने रखती है?
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यह दिखाता है कि खाड़ी देश अब सिर्फ तेल के लिए नहीं, बल्कि दीर्घकालिक व्यापार और निवेश के सुरक्षित गंतव्य बन रहे हैं।
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दोहा अब तेज़ी से एक ऐसा हब बनता जा रहा है, जहाँ लोग टैक्स, कानूनी स्पष्टता और आधुनिक ढांचे के चलते अपनी पूंजी और करियर सुरक्षित कर सकते हैं।
2025 में दोहा क्यों है एक बेहतर विकल्प?
वेस्ट (यूरोप/अमेरिका) में टैक्स बढ़ रहे हैं और अस्थिरता बढ़ रही है। वहीं दोहा में टैक्स में राहत, कानूनी पारदर्शिता, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश के लिए स्थिर माहौल है।




