बई के क्राउन प्रिंस, शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने हाल ही में दुबई कस्टम्स (Dubai Customs) के दफ्तर का दौरा किया। इस दौरे का मकसद यह देखना था कि कस्टम्स का कामकाज कैसा चल रहा है और इसे दुनिया में सबसे बेहतरीन कैसे बनाया जा सकता है।
शेख हमदान ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दुबई को व्यापार का ग्लोबल हब बनाने के लिए ‘स्मार्ट और तेज़’ तरीकों की ज़रूरत है।
यहाँ इस दौरे की 3 ख़ास बातें हैं:
1. टेक्नोलॉजी और स्मार्ट सिस्टम की ज़रूरत शेख हमदान ने साफ कहा कि अब पुराने तरीकों से काम नहीं चलेगा।
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हमें एक ‘स्मार्ट कस्टम्स सिस्टम’ चाहिए जो तेज़ी से बदलते समय के साथ चल सके।
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नई तकनीक का इस्तेमाल करके व्यापार को आसान बनाना होगा ताकि व्यापारियों और निवेशकों का भरोसा बढ़े और बेवजह रोक टोक में कमी आए।

2. 2030 तक का बड़ा प्लान दौरे के दौरान भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा हुई।
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दुबई कस्टम्स ने 2026 से 2030 तक की अपनी रणनीति दिखाई।
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इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल तरीकों के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया गया है, ताकि काम में और सुधार आए।
3. सुरक्षा और कर्मचारियों की तारीफ शेख हमदान ने दुबई कस्टम्स के कर्मचारियों की जमकर तारीफ की।
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उन्होंने कहा कि यहाँ का स्टाफ हर साल लाखों लेन-देन (Transactions) को बहुत कुशलता से संभालता है।
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दुबई कस्टम्स न केवल अरबों रुपये के व्यापार को आसान बनाता है, बल्कि देश की सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा करने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।
खबर शोर्ट में
– सोमवार को महामहिम शेख हामदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तूम ने दुबई कस्टम्स का दौरा किया और इसके प्रगति कार्यों की समीक्षा की।
– उन्होंने कहा कि अब एक स्मार्ट कस्टम्स सिस्टम की जरूरत है जो तेज़ी से बदलते समय के साथ तालमेल बिठाए।
– शेख हामदान ने दुबई कस्टम्स की प्रक्रियाओं और पोर्ट्स की तैयारियों की सराहना की, जो अर्थव्यवस्था की सुरक्षा में योगदान देते हैं।
– उन्होंने वैश्विक मानकों पर पहुंचने और व्यापार की सुगमता बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश दिए।
– दुबई कस्टम्स को अर्थव्यवस्था का पहला डिफेंस माना, जो दुबई इकोनॉमिक एजेंडा D33 को पूरा करने में सहायक है।
– उन्होंने 2026-2030 की रणनीति की समीक्षा की, जिसमें डिजिटल ऑपरेशंस को बढ़ावा देने और स्मार्ट सेवाएं देने की योजना शामिल है।





