भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के रिश्ते अब एक नई ऊंचाई पर पहुँच गए हैं। हाल ही में अबु धाबी में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की एक बहुत खास बैठक हुई।
इस बैठक की अध्यक्षता भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने की। इस दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, डिजिटल पेमेंट और शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े फैसले लिए।
यहाँ जानिए बैठक की 3 सबसे बड़ी बातें:
1. व्यापार का बड़ा लक्ष्य: 100 अरब डॉलर दोनों देशों ने फैसला किया है कि वे आपसी व्यापार (Trade) को बहुत तेजी से बढ़ाएंगे। उनका लक्ष्य आने वाले समय में व्यापार को 100 बिलियन डॉलर (100 अरब अमेरिकी डॉलर) तक पहुँचाना है। आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के बाद से ही दोनों देशों के बीच बिजनेस में काफी बढ़ोतरी देखी गई है।

2. डिजिटल पेमेंट होगा आसान: UPI और Aani का संगम आम लोगों के लिए सबसे अच्छी खबर यह है कि अब पेमेंट सिस्टम को जोड़ा जा रहा है।
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UPI और आनी (Aani): भारत के ‘UPI’ और यूएई के ‘आनी’ प्लेटफॉर्म को जोड़ने की प्रगति की तारीफ की गई।
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रुपे और जयवान कार्ड: भारत के ‘RuPay’ कार्ड और यूएई के ‘Jaywan’ कार्ड अब एक-दूसरे के देश में आसानी से इस्तेमाल हो सकेंगे।
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फायदा: इससे यूएई में काम करने वाले भारतीयों, छात्रों और पर्यटकों को पैसे भेजने या खर्च करने में बहुत आसानी होगी और खर्चा भी कम लगेगा।
3. शिक्षा और संस्कृति: अबु धाबी में IIT और गांधी-जायद केंद्र
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IIT Delhi: अबु धाबी में खुले ‘आईआईटी दिल्ली’ (IIT Delhi-Abu Dhabi) कैंपस की प्रगति पर खुशी जताई गई।
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नया केंद्र: शांति और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए ‘गांधी-जायद केंद्र’ (Gandhi-Zayed Centre) की स्थापना की जाएगी। यह केंद्र दोनों देशों की संस्कृति को और करीब लाएगा।
खबर शोर्ट में
- हाल ही में अबू धाबी में UAE–India संयुक्त समिति की 16वीं बैठक हुई, जिसे शेख अब्दुल्ला बिन जायद और डॉ. एस. जयशंकर ने सह-अध्यक्षता की।
- दोनों देशों ने आर्थिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की, जिसका उद्देश्य $100 बिलियन का द्विपक्षीय व्यापार हासिल करना है।
- भारत के UPI और UAE के AANI प्लेटफॉर्म के बीच डिजिटल वित्तीय एकीकरण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
- शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए गांधी–जायद सेंटर की स्थापना की गई है।
- IIT दिल्ली, अबू धाबी की उत्कृष्टता की सराहना की गई, जिसने कम समय में ठोस उपलब्धियां प्राप्त की हैं।
- शेख अब्दुल्ला ने UAE–India संबंधों की स्थिर और विस्तारशील प्रगति की प्रशंसा की, और इसे दोनों देशों की नेतृत्व की दृष्टि को वास्तविकता में बदलने में प्रभावी बताया।





