ईपीएफओ माफी योजना की तैयारी में जुटा है, जो उन कंपनियों और फर्मों को लाभ पहुंचा सकती है जो अब तक अपना ईपीएफओ पंजीकरण नहीं करवा पाई हैं या जिनके खातों को सक्रिय नहीं रखा गया है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की देखरेख में इस योजना का खाका तैयार किया जा रहा है, जिससे दिसंबर के अंत तक इसकी घोषणा संभव है।
माफी योजना को रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं का हिस्सा माना जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के आम बजट में सरकार ने श्रमिकों को संगठित क्षेत्र से जोड़ने के प्रयास में ईएलआई योजना की घोषणा की थी। इसके लक्ष्य के तहत, ईपीएफओ के निष्क्रिय खातों में पड़े दावे रहित राशि को सक्रिय बनाने और छोटे नियोक्ताओं को राहत देने पर जोर दिया गया है।
वर्ष 2017 से 2024 के बीच उन नियोक्ताओं को राहत दी जाएगी जिन्होंने ईपीएफओ पंजीकरण नहीं कराया या निधि संगठन में अंशदान जमा नहीं किया। नियम के अनुसार, 20 या इससे अधिक कर्मचारियों वाली फर्मों के लिए ईपीएफओ पंजीकरण अनिवार्य है। फिर भी, कई छोटी कंपनियां पंजीकरण कराने में असफल रही हैं।
इस योजना के तहत पंजीकृत कर्मचारियों को तीन किस्तों में 15 हजार रुपये, यानी एक माह का वेतन दिया जाएगा। विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने के लिए ईपीएफओ अंशदान से संबंधित वित्तीय सहयोग का प्रावधान भी किया जाएगा।
एक लाख रुपये से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए नियोक्ताओं को हर महीने तीन हजार रुपये की प्रतिपूर्ति दी जाएगी, जो दो वर्षों तक जारी रहेगी। सरकार की योजना है कि इन प्रोत्साहनों के जरिए ईपीएफओ में पंजीकृत होने वाले कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि होगी। मकसद यह है कि कंपनियों को प्रोत्साहन मिल सके और वे अपने कर्मचारियों के ईपीएफओ खातों को सक्रिय कर सकें।