सऊदी अरब ने भारत के ऊपर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लेकर बयान जारी रखा है. भारत भी एयर बबल एग्रीमेंट का दावा दो दर्जन से ज्यादा देशों के साथ कर रहा है लेकिन अब तक भारत का सऊदी अरब के साथ टू वे एयर बबल एग्रीमेंट शुरू नहीं हो पाया है. भारत भले ही वैक्सीन मैत्री और इत्यादि को लेकर अलग-अलग दावे कर रहा हूं लेकिन हकीकत में भारतीय कामगारों को सऊदी अरब के तरफ से अब तक कोई भी बड़ी राहत नहीं मिल पाई है.
भारतीय मंत्री और मंत्रालय लगातार यह दावा कर रहे हैं कि सऊदी अरब में फंसे हुए भारतीय प्रवासियों को निकाला जा रहा है और वंदे भारत मिशन काफी सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है. लेकिन यहां पर समझने की जरूरत है, भारतीय प्रवासी अपने आपको सऊदी अरब से भारत आकर फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं क्योंकि अब उनके पास नाही खाने को पैसे बचे हैं और ना ही जीवन यापन करने के लिए बेहतर जिंदगी. सऊदी अरब में काम शुरू करने के वह अत्यंत व्याकुल है लेकिन उन्हें ना ही भारत सरकार और ना ही सऊदी सरकार के पॉलिसी का फायदा मिल रहा है.
सऊदी अरब से भारत आने वाले वैसे ही प्रवासी हैं जो 1 का 2 महीने और भी सऊदी अरब में रह जाएं तो उन्हें बहुत ज्यादा का फर्क नहीं पड़ता है लेकिन वैसे लोगों की संख्या भारत में बहुत है जो सऊदी अरब के फ्लाइट ना खुलने की वजह से अत्यंत पीड़ादायक स्थिति में अपना जीवन गुजार रहे हैं.
जहां तक रही बात सऊदी अरब में फंसे हुए भारतीय नागरिकों को लाने के लिए तो सऊदी अरब में बड़े पैमाने पर रहने वाले भारतीय प्रवासी कामगारों की नौकरियां खतरे में नहीं गई हैं और उनका जीवन वहां पर अभी भी सामान्य तौर पर चल रहा है फंसे हुए भारतीय नागरिकों को लाने के लिए बड़े पैमाने पर बंदे भारत मिशन ऑपरेट कर रहा है और यह एक काफी बड़ा सक्सेसफुल मिशन रहा है.
इसमें कोई संकोच नहीं कि वंदे भारत मिशन ने लाखों की संख्या में विदेशों से लोगों को भारत लेकर के आया लेकिन वह तब था जब लोगों को यह समस्या आंशिक लग रहा था और उन्हें यह भरोसा था कि कुछ वक्त बाद सब ठीक होगा और अभी केवल महामारी से बचना ही उनकी प्रायरिटी थी लेकिन वक्त के साथ फिर से प्रायरिटी बदली और अब लोगों को महामारी के साथ-साथ अपने काम को बचाना ज्यादा बड़ा चैलेंज है और इसके लिए लोग भारत सरकार और सऊदी अरब की सरकार दोनों को लगातार सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से अपनी वस्तु स्थिति बता रहे हैं.
उम्मीद है कि जल्द ही भारतीय प्रवासियों के बड़े समूह को सऊदी अरब आने के लिए विकल्प उपलब्ध हो. और हां एक बात जरूर प्रवासियों का यह मानना है कि वह सऊदी अरब में नहीं बल्कि भारत जाकर अब फंस गए हैं.