कामगारों को गर्मी में धूप में काम नहीं करना है
खाड़ी देशों में जून, जुलाई और अगस्त में काफी गर्मी पड़ती है। ऐसी स्थिति में कामगारों का खुले में काम करना खतरे से खाली नहीं है। खुले में खासकर कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने कर्मचारियों के लिए कानून बनाया गया है। इस कानून के मुताबिक दिन के सबसे गर्म समय में काम करने पर पाबंदी होती है।
श्रम मंत्रालय के द्वारा पहले ही इस बात की जानकारी दे दी गई है कि जून, जुलाई और अगस्त में 12:30 pm से लेकर 3:30 pm तक कंस्ट्रक्शन साइट या खुले में काम करने पर पाबंदी होगी।
कामगारों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है यह नियम
खाड़ी देशों में गर्मी के दिनों में कर्मचारियों का काम करना मुनासिब नहीं है। इस समय काम करना सेहत के लिए सही नहीं है। कई बार ऐसा करना कामगार की जान पर बन जाती है और उनकी जान चली जाती है।
कई नियोक्ता कानून व्यवस्था होने के बावजूद भी कामगारों से कड़ी धूप के काम कराते हैं या कामगार मजबूरी में कड़ी धूप में काम करते हैं तो उनकी जान जाने का खतरा होता है।
ऐसे नियोक्ताओं, कंपनियों और कामगारों पर होगी कार्यवाही
श्रम मंत्रालय ने इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की घोषणा कर दी है। जून, जुलाई और अगस्त के बीच अगर कोई कामगार को कंस्ट्रक्शन या खुले में काम कराता है तो उस पर OMR500 का जुर्माना लगाया जाएगा। एक महीने की जेल भी हो सकती है या फिर दोनों ही सजा मिल सकती है।