महाराष्ट्र ऊर्जा विकास एजेंसी (मेडा) की प्रधानमंत्री कुसुम योजना के जरिये जिन क्षेत्रों में महावितरण द्वारा बिजली की आपूर्ति नहीं की जा सकती है, वहां किसानों को सोलर पंप वितरित किए जाते है. इस योजना के लिए एक लाख पंपों के लक्ष्य में से करीब 25 हजार पंपों का आवंटन अब तक नहीं हो पाया है. इसके लिए बुधवार, 17 मई से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है.
किसको कितना अनुदान ?
पीएम कुसुम योजना के जरिये किसानों को 90 से 95% तक अनुदान दिया जाता है. सामान्य वर्ग के लिए 90% जबकि अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लिए 95% अनुदान दिया जाता है. इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 30% और राज्य की 60 से 65% होती है. केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 2021 में राज्य के लिए एक लाख सोलर पंप का लक्ष्य रखा था.
आवेदनों की जांच ।
- राज्यभर से अब तक एक लाख 18 हजार 898 लोगों ने इसके लिए आवेदन किया था. जिनमें से 99 हजार 331 आवेदनों की जांच की गई.
- पात्र आवेदकों में से 70 हजार 529 ने स्व-योगदान शिश का भुगतान कर दिया है.
- 69 हजार 669 आवेदकों ने सोलर पंप सप्लायर का चयन किया है. उसके बाद 56 हजार किसानों के खेतों में पंप लगा दिए गए हैं.
अगले एक लाख पंपों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
उसके लिए भी जल्द ही आवेदन मंगवाए जाएंगे. सांगली, सतारा, कोल्हापुर जिलों से मांग कम है, जबिक औरंगाबाद विभाग के लिए लक्ष्य से अधिक आवेदन मिले हैं. इन पंपों का वितरण जिलों के उद्देश्यों के अनुरूप किया जाएगा. जहां से आवेदन कम आएंगे उनके शेष पंपों का वितरण अन्य जिलों में किया जाएगा.