दोहा में गुरुवार को उस हमले में शहीद हुए छह लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, जिसे इस सप्ताह कतर की राजधानी में हमास नेताओं को निशाना बनाकर अंजाम दिया गया था। अंतिम संस्कार शेख मोहम्मद बिन अब्दुल वहाब मस्जिद में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुआ, जिसमें कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी भी शरीक हुए। एक ताबूत पर कतर का झंडा और बाकी पांच पर फ़िलिस्तीनी झंडे लिपटे थे।
जनाजे की नमाज़ के बाद शवों को मेसाइमीर कब्रिस्तान में दफनाया गया। सुरक्षा बलों ने मस्जिद के आसपास चेकप्वॉइंट्स लगाए। मंगलवार को दोहा में हुए हमले में हमास का शीर्ष नेतृत्व बच गया, लेकिन पांच हमास सदस्य और कतर के एक सैनिक की मौत हो गई। मारे गए लोगों में हमास वार्ताकार खलील अल-हय्या के बेटे हमाम, उनके दफ्तर के निदेशक जिहाद लाबाद और तीन अंगरक्षक शामिल थे। क़तरी लांस कॉर्पोरल बद्र साद मोहम्मद अल-हुमैदी अल-दोसारी भी शहीद हुए।
हमास के टेलीग्राम चैनल पर साझा तस्वीरों में वरिष्ठ नेता उसामा हमदान और इज़्ज़त अल-रिश्क को जनाज़े में शामिल देखा गया। कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने कहा कि इस हमले से ग़ाज़ा में बंधक वार्ता की उम्मीदें समाप्त हो गईं और दोहा अपनी मध्यस्थता की भूमिका पर पुनर्विचार कर रहा है। रविवार और सोमवार को दोहा में एक अरब-इस्लामी शिखर सम्मेलन बुलाया जाएगा।
हमले की खाड़ी देशों ने कड़ी निंदा की है। संयुक्त अरब अमीरात ने कतर के खिलाफ इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की “शत्रुतापूर्ण टिप्पणियों” को खाड़ी सुरक्षा ढांचे पर हमला बताया। नेतन्याहू ने धमकी दी थी कि कतर या तो हमास अधिकारियों को सौंपे या उन्हें देश से बाहर निकाले, अन्यथा इस्राइल कार्रवाई करेगा।
हमास ने अमेरिका पर भी इस हमले में सहयोग का आरोप लगाया और कहा कि यह ग़ाज़ा संघर्षविराम वार्ता को “मारने की कोशिश” है। हालांकि, संगठन ने वार्ता के पूरी तरह समाप्त होने की घोषणा नहीं की। हमास के अधिकारी फ़ौज़ी बरहूम ने कहा कि हमले के समय वार्ताकार दल कतर के प्रधानमंत्री से प्राप्त नए संघर्षविराम प्रस्ताव पर चर्चा कर रहा था।
हमास ने अपनी प्रमुख शर्तें दोहराईं — पूर्ण युद्धविराम, ग़ाज़ा से इस्राइली सेनाओं की वापसी, कैदियों के बदले बंधकों की रिहाई, मानवीय सहायता और पुनर्निर्माण।




