गाजा पट्टी में अभी हालात बहुत खराब हैं, खासकर वहां के विस्थापित परिवारों के लिए जो कड़ाके की ठंड और बारिश झेल रहे हैं, लेकिन ऐसे मुश्किल समय में यूएई ने अपनी मदद का हाथ और आगे बढ़ाया है। भारी बारिश की वजह से वहां हर जगह पानी भर गया था और लोगों के रहने के तंबू भी टूट-फूट गए थे, इसलिए ‘ऑपरेशन शिवालरस नाइट 3’ की टीमों ने तुरंत वहां पहुंचकर सड़कों से बाढ़ का पानी निकालना शुरू कर दिया है।
ये टीमें दिन-रात मेहनत कर रही हैं ताकि क्षतिग्रस्त तंबूओं को ठीक किया जा सके और वहां फंसे हुए लोगों को इस भयानक मौसम में थोड़ी राहत मिल सके।
कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए हजारों जैकेट, कंबल और नए तंबूओं का तुरंत किया गया इंतज़ाम
जब ठंड इतनी ज्यादा हो कि बाहर रहना मुश्किल हो जाए, तब सही कपड़े और सर पर छत मिलना बहुत बड़ी बात होती है, इसी को देखते हुए यूएई ने वहां 1,100 से ज्यादा नए आश्रय तंबू पहुंचाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने 4,000 से ज्यादा गर्म शीतकालीन जैकेट और सैकड़ों राहत किट भी बांटे हैं ताकि लोग ठंड से बच सकें।

Heavy rains between 13 and 16 November flooded streets and overwhelmed damaged sewage systems, sending dirty water into tents and the ruins where many families now live. For people who have already lost homes, savings and stability over two years of war, even a few days of rain can wipe out what little they’ve managed to hold onto, from mattresses to children’s clothes to food supplies.
WFP had already provided cash assistance to more than 200,000 families before the rains and is scaling up support.
परिवारों की जरूरतों का ध्यान रखते हुए 5,000 कपड़ों के पार्सल और 1,400 कंबल भी दिए गए हैं, जिससे वहां के बच्चे और बुजुर्ग इस जानलेवा मौसम और बर्फीली हवाओं से खुद को सुरक्षित रख सकें और उन्हें थोड़ी गर्माहट मिल सके।
मुश्किल हालातों के बीच फिलिस्तीनी लोगों के दुख-दर्द को कम करने का एक अटूट वादा
यह सारी मदद सिर्फ सामान पहुंचाना नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि यूएई फिलिस्तीनी लोगों के साथ खड़ा है और उनकी परेशानियों को अपना समझता है। वहां के अधिकारियों का भी साफ कहना है कि वे इस कठिन दौर में लोगों को अकेला नहीं छोड़ेंगे और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद उनकी तकलीफें कम करने की पूरी कोशिश करेंगे।
उनका मकसद यही है कि वहां के लोगों को यह भरोसा दिलाया जाए कि मुसीबत की इस घड़ी में कोई है जो उनकी परवाह करता है और हर तरह के मौसम की मार से उन्हें बचाने के लिए तैयार है।





