जिले में सब्जी की वायदा खेती शुरू हो गई है। एकमुश्त अच्छी खरीद और मुनाफे की मंशा लिए हुए बहादुरपुर ब्लाक के उन किसानों ने सोमानी मटर की खेती की है, जो दुबई, शारजाह, मलेशिया, जापान और श्रीलंका को भिंडी का स्वाद चखा अच्छा मुनाफा कमा चुके हैं। जिस फर्म ने इनसे भिंड़ी खरीदी थी, उसने विदेश भेजने के लिए उचित दाम पर बड़ी फली वाली हरी सोमानी मटर खरीदने का वादा किया है। किसानों ने मटर की खेती में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पखवारे भीतर मटर तैयार हो जाएगी।
बहादुरपुर ब्लाक के कई गांवों में सब्जियों की अच्छी खासी खेती की जाती है. यहां के किसान स्थानीय मंडी और बाजार में अपनी फसल को औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर रहते हैं। रमईपुर गांव के जागरूक किसान उमेश पटेल ने जिला उद्यान केंद्र के अधिकारियों को भिंड़ी की खेती के बारे में जानकारी दी तो भिंड़ी विदेश भेजने का रास्ता खुला। भिंड़ी के हरापन की जांच करने के बाद मुम्बई की एक फर्म रमईपुर, करनपुर, बख्खोपुर, सोनी, सीहीपुर, कटियारी चकिया, रतौंरा रामनाथपुर आदि गांवों के लगभग 200 बीघा में उगी भिंड़ी खरीदकर विदेश भेजने को तैयार हो गई। स्थानीय मंडी में 700-800 रुपये कुंतल दाम मिल रहा था पर इस फर्म ने 1900-2000 रुपये प्रति कुंतल खरीद की। वह भी किसानों के दरवाजे पर तौल मशीन लगाकर। किसानों का भिंड़ी मंडी तक ले जाने का खर्च भी बचा क्योंकि फर्म ने उनके दरवाजे पर मशीन लगाकर तौल और पैकिंग की।
जंगबहादुर पटेल, सूर्य प्रताप सिंह, शिव लाल यादव, जीत लाल, अमर पटेल, रमेश पटेल आदि किसानों ने बताया कि छोटी साइज की भिंड़ी की मांग स्थानीय मंडी में ज्यादा थी, बड़ी साइज की कम, लेकिन फर्म ने बड़ी साइज की भिंडी भी अच्छे दाम पर खरीदी। उमेश पटेल ने बताया कि फर्म ने सेम, परवल, शिमला मिर्च, लौकी, करेला, सांभा चावल, मिर्च की भी मांग की है।
मुनाफे से खुश पर भयभीत भी हैं किसान
हनुमानगंज। खरीद के वायदे पर खेती कर रहे किसान अच्छा मुनाफा मिलने से खुश तो हैं पर इनके अंदर भय भी बना हुआ है। भय इस बात को लेकर है कि अगर फसल तैयार होने के बाद फर्म खरीदने से मुकर गई तो उनका क्या होगा। कई किसान ऐसे हैं, जिन्होंने मुनाफे के चक्कर में सिर्फ सब्जी की ही खेती की है। जंग बहादुर पटेल ने चिंता जाहिर करते हुए बताया कि भिंडी खरीद के दौरान फर्म हर महीने रेट कम करती जा रही थी और बाद में लेने से भी इनकार कर दिया था।
कोट–
बहादुरपुर ब्लाक के कई किसानों ने औद्यानिक सहकारी समिति के सहयोग से बैगन भिंडी, तरुई का निर्यात विदेशों में किया है। अन्य सब्जियों को विदेश भेजने की तैयारी चल रही है। पहली बार जिले से सब्जी विदेश भेजी गई है। इससे किसान आत्मनिर्भर तो बनेंगे ही इनकी आय भी दोगुनी होगी।
डॉ. विनीत कुमार, उप निदेशक उद्यान