नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने आर्थिक संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन GoFirst द्वारा दायर दिवाला कार्यवाही की याचिका को स्वीकार कर लिया है। एनसीएलटी ने अभिलाष लाल को एयरलाइन चलाने के लिए अंतरिम पेशेवर के रूप में नियुक्त किया है, बोर्ड को भंग कर दिया है और कंपनी को किसी भी कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की है।
एनसीएलटी ने यह भी कहा कि गोफर्स्ट के कर्मचारियों की छंटनी नहीं की जाएगी। वित्तीय संकट के बीच एयरलाइन ने 3 मई से उड़ान संचालन बंद कर दिया था, क्योंकि प्रैट एंड व्हिटनी से इंजनों की आपूर्ति नहीं होने के कारण इसके आधे से अधिक बेड़े underground हो गए थे। एयरलाइन पर कुल देनदारी 11,463 करोड़ रुपये है।
खबर की मुख्य बातें
👉 एनसीएलटी ने गोफर्स्ट द्वारा दायर दिवाला कार्यवाही की याचिका को स्वीकार कर लिया है।
👉कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित क्योंकि एनसीएलटी ने फैसले में कहा कि गोफर्स्ट एयरलाइन के कर्मचारियों की छंटनी नहीं की जाएगी।
👉हालांकि गोफर्स्ट ने 19 मई तक उड़ान सेवाएं बंद कर दी हैं, लेकिन एनसीएलटी ने कंपनी को संचालन बनाए रखने के लिए कहा है।
👉 अभिलाष लाल को कर्ज में डूबी GoFirst एयरलाइन चलाने के लिए अंतरिम पेशेवर के रूप में नियुक्त किया गया है।
👉एनसीएलटी ने एयरलाइन कंपनी को किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा दी है।
👉सीईओ कौशिक खोना ने इसे ऐतिहासिक फैसला और कंपनी को पटरी पर लाने का प्रभावी समयबद्ध फैसला बताया है।
👉 गोफर्स्ट को अपने आधे विमान खड़े होने और कुल 11,463 करोड़ रुपये की देनदारी के कारण नकदी की कमी का सामना करना पड़ रहा है।