अबू धाबी में रह रहे सैकड़ों लोग गुरुवार को एकत्र हुए ताकि केरल की रहने वाली भारतीय डॉक्टर धनलक्ष्मी को अंतिम विदाई दे सकें। 54 वर्षीय डॉक्टर को मंगलवार सुबह उनके फ्लैट में मृत पाया गया था।
बहुआयामी व्यक्तित्व
डॉ. धनलक्ष्मी अबू धाबी के मुसाफ्फा स्थित लाइफकेयर हॉस्पिटल में एक सामान्य डेंटिस्ट के रूप में कार्यरत थीं। वे न केवल एक डॉक्टर थीं, बल्कि एक लोकप्रिय लेखक, व्लॉगर और सांस्कृतिक आयोजनों में सक्रिय भागीदार भी थीं। वे सामाजिक सेवाओं और वालंटियर गतिविधियों में भी खूब हिस्सा लेती थीं।
मौत का रहस्य
जब वे काम पर नहीं पहुंचीं और कॉल्स का जवाब नहीं दिया, तो उनके सहकर्मियों और दोस्तों को चिंता हुई। जब उनके अपार्टमेंट में पुलिस पहुंची, तो दरवाज़ा अंदर से बंद था और नाश्ता बाहर लटका हुआ था — जिसे उन्होंने छुआ तक नहीं था। तब उन्हें अचेत अवस्था में पाया गया और बाद में मृत्यु की पुष्टि हुई। अभी मौत के कारण की जांच जारी है।
अबू धाबी में अंतिम दर्शन
अबू धाबी मल्याली समाजम के अध्यक्ष सलीम चिरक्कल के अनुसार, “सैकड़ों लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए आए। अलग-अलग अमीरातों से लोग पहुंचे — डॉक्टर समुदाय, विभिन्न सामाजिक समूहों और उनके जानने वाले।” अबू धाबी के कंटेंट क्रिएटर जाफर रबीह ने कहा, “वे मेरे लिए मां जैसी थीं। हर किसी को अपने दिल से जोड़कर रखती थीं। उन्हें अंतिम बार देखने के लिए महिलाएं, पुरुष और बच्चे तक आए थे।”
उनके पार्थिव शरीर को गुरुवार रात 11:40 बजे की उड़ान से कन्नूर (केरल) भेजा गया। शुक्रवार सुबह कन्नूर जिले के पय्यांबलम श्मशान में अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले, उनके गृह नगर तलप में लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे। मृत्यु से ठीक पहले, उन्होंने फेसबुक पर कुछ भावुक पोस्ट शेयर की थीं। एक पोस्ट में उन्होंने केरल के एक आर्ट स्कूल के कार्यक्रम में न पहुंच पाने के लिए माफ़ी मांगी और लिखा: “कभी-कभी किस्मत पूरी तरह से पलट जाती है… चीज़ें हमारे हाथ में नहीं होतीं।” उनकी अंतिम पोस्ट एक सम्मान प्राप्त करते हुए वीडियो थी, जिसमें मलयालम अभिनेता जगदीश से उन्होंने एक सामुदायिक सेवा पुरस्कार स्वीकार किया था।
“द प्राइस ऑफ काइंडनेस” – एक इमोशनल संकेत?
उनकी आख़िरी कहानी, जिसका शीर्षक था “The Price of Kindness”, एक भावनात्मक धोखे और आर्थिक तनाव पर आधारित थी। इसमें एक महिला दोस्त की मदद करती है, लेकिन बदले में उपेक्षा और तनाव का सामना करती है। यह कहानी अब सोशल मीडिया पर लोगों को गहराई से सोचने पर मजबूर कर रही है। कुछ इसे उनकी मानसिक स्थिति का संकेत मान रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि ज़्यादा अनुमान लगाना उचित नहीं जब तक मौत का कारण स्पष्ट न हो जाए।




