साल 2025 भारतीय प्रवासियों के लिए काफी उथल-पुथल भरा साबित हो रहा है। विदेश मंत्रालय द्वारा संसद में पेश किए गए ताजा आंकड़े बताते हैं कि इस साल दुनिया भर से 24,600 से अधिक भारतीयों को अलग-अलग कारणों से उनके वतन वापस भेज दिया गया है। आम तौर पर लोगों को लगता है कि सख्त इमीग्रेशन नियमों के कारण अमेरिका या खाड़ी देशों में दुबई (यूएई) से सबसे ज्यादा लोग निकाले जाते होंगे, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। इस साल सबसे ज्यादा डिपोर्टेशन सऊदी अरब से हुए हैं, जिसने अमेरिका और अन्य खाड़ी देशों को भी पीछे छोड़ दिया है।
अमेरिका और दुबई नहीं, बल्कि सऊदी अरब से भेजे गए सबसे ज्यादा भारतीय; रियाद और जेद्दा से बड़ी संख्या में हुई वतन वापसी
आंकड़ों पर नजर डालें तो सऊदी अरब से भारतीयों को वापस भेजे जाने की दर सबसे अधिक रही है। अकेले सऊदी अरब से कुल 10,884 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया है। इसमें रियाद से 7,019 और जेद्दा से 3,865 लोग शामिल हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर अमेरिका का नाम आता है, जहां कड़े इमीग्रेशन नियमों के बीच 3,812 भारतीयों को वापस भेजा गया है। वहीं, मलेशिया से भी 1,485 लोगों को डिपोर्ट किया गया है। इसके अलावा बहरीन (764), थाईलैंड (481) और श्रीलंका (372) से भी बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को वापस लौटना पड़ा है।
यूएई में माफी योजना के बावजूद 5 सालों में सबसे ज्यादा डिपोर्टेशन, 1400 से अधिक लोगों की हुई घर वापसी
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के आंकड़े इस बार काफी हैरान करने वाले हैं। साल 2024 में यूएई सरकार ने ‘वीजा एमनेस्टी स्कीम’ (माफी योजना) लागू की थी, जिसका मकसद था कि जो लोग अवैध रूप से वहां रह रहे हैं, वे बिना किसी जुर्माने के देश छोड़ सकें या अपने दस्तावेज ठीक करवा सकें। इसके बावजूद, 2025 में यूएई से 1,469 भारतीयों को वापस भेजा गया। यह आंकड़ा पिछले 5 सालों में सबसे ज्यादा है, जो दर्शाता है कि वीजा नियमों के उल्लंघन को लेकर वहां प्रशासन अब काफी सख्त हो गया है।
फर्जी एजेंट और वीजा नियमों की अनदेखी पड़ रही भारी; जानिए आखिर क्यों वतन वापस भेजे जा रहे हैं हज़ारों लोग
इतनी बड़ी संख्या में भारतीयों के डिपोर्ट होने के पीछे विदेश मंत्रालय ने मुख्य रूप से फर्जी जॉब ऑफर्स और वीजा नियमों के उल्लंघन को जिम्मेदार ठहराया है। कई लोग वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी चोरी-छिपे वहां रुक जाते हैं (Overstay), जो डिपोर्टेशन का एक बड़ा कारण है। इसके अलावा, धोखेबाज एजेंटों के चक्कर में पड़कर फर्जी नौकरी के लिए जाना, बिना वैध वर्क परमिट के काम करना और अपने नियोक्ता (Employer) को छोड़कर भाग जाना (Absconding) जैसे मामले भी सामने आए हैं, जिसके चलते स्थानीय प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़े हैं।
विदेश जाने से पहले इन बातों का रखें खास ख्याल, अवैध एजेंटों की लिस्ट चेक करने की सरकार ने दी सलाह
सरकार ने विदेश में नौकरी तलाश रहे युवाओं को सतर्क रहने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, किसी भी एजेंट पर भरोसा करने से पहले उसका बैकग्राउंड जरूर चेक करें। सरकार के e-Migrate पोर्टल पर 3,505 अवैध एजेंटों की लिस्ट मौजूद है, जिसे देखकर आप धोखाधड़ी से बच सकते हैं। इसके साथ ही, दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में नौकरी के नाम पर हो रहे स्कैम से बचने के लिए मंत्रालय की सोशल मीडिया एडवाइजरी पर नजर बनाए रखें। किसी भी मुसीबत में फंसे होने पर भारतीय दूतावास, ‘MADAD’ पोर्टल या 24/7 इमरजेंसी हेल्पलाइन का सहारा लिया जा सकता है।




