देश के कई हिस्सों में पहले से सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के चलते बारिश और ठंड ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खासकर दिल्ली-एनसीआर में लगातार छाए मध्यम से घने कोहरे और गिरते तापमान ने ठिठुरन को काफी बढ़ा दिया है। मौसम के मिजाज को देखते हुए यह अनुमान है कि नए साल के जश्न से ठीक पहले ठंड का प्रकोप और भी उग्र रूप ले सकता है। एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है, जो 28 दिसंबर से लेकर साल के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर तक दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में मौसम को बेहद चुनौतीपूर्ण बनाएगा।
रविवार से ही करवट लेने लगेगा मौसम, 28 और 29 दिसंबर को 6 से 8 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क सकता है न्यूनतम तापमान
इस नए पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव रविवार से ही महसूस किया जाने लगेगा। सुबह के वक्त मध्यम से घने कोहरे की आशंका को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है, जिससे तापमान में गिरावट का दौर जारी रहेगा। अनुमान है कि 28 और 29 दिसंबर को तापमान गिरकर 6 से 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। बादलों की मौजूदगी के कारण धूप बहुत कम निकलेगी, जिससे दिन के समय भी लोगों को जबरदस्त कंपकंपी और कड़ाके की ठंड का अहसास होगा। पूरे एनसीआर में कमोबेश यही स्थिति रहने वाली है।
घने कोहरे की चादर में लिपटे रहेंगे शहर, सड़क और हवाई यातायात पर पड़ सकता है बुरा असर, यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह
मौसम में बदलाव के साथ ही सुबह के समय मध्यम से घना कोहरा छाए रहने के कारण दृश्यता (विजिबिलिटी) काफी कम रह सकती है। विजिबिलिटी कम होने का सीधा असर सड़क और हवाई यातायात पर देखने को मिल सकता है। गाड़ियों की रफ्तार धीमी पड़ सकती है और फ्लाइट्स के संचालन में भी बाधा आ सकती है। ऐसे में घर से निकलने वाले यात्रियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। हवाई यात्रा करने वाले लोगों को विशेष रूप से सलाह दी गई है कि वे एयरपोर्ट के लिए निकलने से पहले अपनी फ्लाइट से जुड़ी जानकारी जरूर चेक कर लें, ताकि उन्हें किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
तेज हवाओं से प्रदूषण के स्तर में सुधार की उम्मीद, लेकिन बढ़ेगी ठिठुरन, नए साल का आगाज भी कड़ाके की ठंड के बीच होने के आसार
आने वाले दिनों में 29 और 30 दिसंबर को तेज हवाएं चलने की संभावना है, जिससे एक तरफ राहत तो दूसरी तरफ आफत की स्थिति बनेगी। लगभग 10-15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के कारण वातावरण में मौजूद प्रदूषक तत्वों की मात्रा कम होगी और वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार देखने को मिल सकता है। हालांकि, इन तेज हवाओं के कारण ‘विंड चिल फैक्टर’ बढ़ जाएगा, जिससे ठंड शरीर में और ज्यादा चुभेगी। नए साल की शुरुआत भी इसी तरह की सर्द हवाओं और कोहरे के बीच होने की संभावना है। 31 दिसंबर और 1 जनवरी को तापमान 8 से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है, यानी नए साल का स्वागत कड़ाके की ठंड में ही करना होगा।




